रांची: विधायक बंधु तिर्की ने कहा है कि स्थानीयता के प्रारूप का विरोध करनेवाले तथ्यों को पूरी तरह नहीं जानते, इसलिए वे विरोध कर रहे हैं. राज्य की आदिवासी जनता को पहले से ही आरक्षण मिल रहा था. मूलवासी उपेक्षित हो रहे थे. इस प्रारूप में मूलवासियों के हितों का ध्यान रखा गया है. तृतीय व चतुर्थ वर्ग की नौकरियों में उन्हें लाभ होगा. अब सरकार को अविलंब इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए. विधानसभा सत्र में बहस हो और इसे फाइनल किया जाये.
कंपनसेशन सिस्टम बंद हो
बंधु तिर्की ने कहा कि एसएआर कोर्ट के जरिये आदिवासी जमीनों का अवैध हस्तांतरण हो रहा है. ऐसे 22 मामले हैं जिनमें इस बात की पुष्टि होती है. जिन पदाधिकारियों के जरिये आदिवासी जमीन का अवैध हस्तांतरण हुआ, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. एसएआर कोर्ट से कंपनसेशन की व्यवस्था खत्म होनी चाहिए.
नहीं मिली छात्रवृत्ति
बंधु तिर्की ने कहा कि सरकार की उदासीनता की वजह से एसटी/एससी छात्रों को वर्ष 2013-14 में छात्रवृत्ति नहीं मिल सकी. झारखंड के चयनित विद्यार्थी जो दूसरे राज्यों में पढ़ रहे हैं उन्हें छात्रवृत्ति नहीं मिलने से पढ़ाई पर असर पड़ रहा है.
स्थानीयता नीति को हल्के में न ले सरकार: प्रदीप यादव
रांची. झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा है कि राज्य सरकार स्थानीयता को हल्के ढंग से न ले. इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. सरकार स्थानीयता नीति के नाम पर समाज को बांटने और विद्वेष फैलाने का काम कर रही है. इस मुद्दे पर वोट बैंक की राजनीति हो रही है. श्री यादव ने कहा कि सरकार में शामिल दल इस नीति की आड़ में वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं. सरकार ने जब अपने घटक दलों को मिला कर उच्च स्तरीय कमेटी बना ली है, तो फिर अब फैसला सुनाने में देरी क्यों हो रही है. कमेटी का प्रस्ताव मीडिया में लीक कर राज्य में भ्रम बनाने की कोशिश की गयी. सरकार की मंशा साफ होती और नीति बनाने की दिशा में बढ़ना चाहती, तो दूसरे दलों को भी कमेटी में शामिल किया जाता. इस कमेटी में विधि-विशेषज्ञ भी होते. झाविमो विधायक दल के नेता ने कहा कि 14 जून को पार्टी पदाधिकारियों की बैठक है. इसमें स्थानीयता को लेकर पार्टी स्टैंड तय करेगी. भावी कार्यक्रम के साथ-साथ इस मसले पर भी चर्चा होगी.
संयुक्त सदान संघर्ष मोरचा ने किया स्वागत
रांची. संयुक्त सदान संघर्ष मोर्चा ने स्थानीयता नीति के प्रारूप का स्वागत किया है. केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि मूलवासियों का शोषण लगातार होता आया है. इस नीति पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. यह नीति बिहार व छत्तीसगढ़ की तर्ज पर बनायी जा रही. इसलिए किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए, जिनके पास खतियान नहीं हैं, उनकी पहचान ग्राम सभा करेगी. पर सरकार इस बात का ध्यान रखे कि जाति के आधार पर कोई भेदभाव न हो. स्थानीयता नीति के साथ सात जिलों के रोस्टर में सुधार की जरूरत है.
जल्द फाइनल हो स्थानीय नीति : मोरचा
रांची. आदिवासी मूलवासी छात्र मोरचा ने सरकार से स्थानीयता नीति जल्द बनाने और लागू करने की मांग की है. मोरचा की ओर से कहा गया है कि यदि यह नीति जल्द नहीं बनी, तो मोरचा के सदस्य सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे. इस मुद्दे पर जल्द ही मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जायेगा. महासचिव मनोज कुमार महतो ने कहा कि मोर्चा स्थानीयता नीति की मांग को लेकर पिछले दस वर्षो से संघर्षरत है. कहा गया कि मोरचा द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर 25 को राजभवन के समक्ष प्रदर्शन किया जायेगा.