रांची : जालंधर, पंजाब में तैनात नामकुम के चंदाघासी निवासी सैनिक करमा बड़ाइक की पुश्तैनी जमीन गलत तरीके से हस्तांतरित कर देने का आरोप उसकी पत्नी राखी ने लगाया है. उसने सीअो नामकुम, एसएसपी, एसडीअो तथा मुख्यमंत्री जनसंवाद में भी इसकी शिकायत की है. आरोप है कि चंदाघासी थाना के कुटे गांव स्थित करमा बड़ाइक […]
रांची : जालंधर, पंजाब में तैनात नामकुम के चंदाघासी निवासी सैनिक करमा बड़ाइक की पुश्तैनी जमीन गलत तरीके से हस्तांतरित कर देने का आरोप उसकी पत्नी राखी ने लगाया है. उसने सीअो नामकुम, एसएसपी, एसडीअो तथा मुख्यमंत्री जनसंवाद में भी इसकी शिकायत की है. आरोप है कि चंदाघासी थाना के कुटे गांव स्थित करमा बड़ाइक की कुल जमीन 2.51 एकड़ में से 1.05 एकड़ जमीन (खाता सं-178,प्लॉट संख्या-14 व 15) घटा दी गयी है,
जबकि करमा के पिता शिवा बड़ाइक के नाम की यह जमीन न किसी को बेची गयी है अौर न ही हस्तांतरित की गयी है. राखी ने तथ्यों के साथ यह आरोप भी लगाया है कि उक्त 1.05 एकड़ जमीन की रसीद उसी गांव के रोशन हजाम (पिता स्व चंदर हजाम) के फर्जी नाम रोशन बड़ाइक के नाम से कटी है. नामकुम अंचल में इस जमीन की दाखिलखारिज कर 13.8.18 की तारीख को रसीद कटी है, जो जालसाजी है.
इधर, यह शिकायत भी की गयी है कि रोशन हजाम व उसका भाई अनुज हजाम करमा के पिता के नाम की एक दूसरी जमीन (खाता सं-48 व प्लॉट सं-890, रकबा-40 डिसमिल) पर भी दखलअंदाजी कर रहे हैं. दोनों ने इस जमीन पर मकान बनाने के लिए की गयी चहारदीवारी व अन्य निर्माण तोड़ दिया है. इसकी लिखित शिकायत एसएसपी से की गयी है. इधर, सैनिक करमा बड़ाइक छुट्टी लेकर गत 29 जुलाई से रांची में है तथा अपनी पत्नी के साथ जमीन बचाने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है.
वह अपने कंपनी अोसी लेफ्टिनेंट कर्नल मंगल सिंह का एसएसपी, रांची को लिखा पत्र भी साथ लेकर चल रहा है, जिसमें लेफ्टिनेंट कर्नल ने एसएसपी से अपने जवान करमा को सहायता करने की गुजारिश की है. अभी यह बात स्पष्ट होना बाकी है कि इस पूरे मामले में नामकुम अंचल की क्या भूमिका है. करमा को 28 अगस्त को अपने यूनिट लौटना है.
उसका कहना है कि सीअो नामकुम दोनों पक्षों को सारे कागजात के साथ बुला लें, तो मामला तुरंत साफ हो जायेगा. इधर, इस पूरे मामले में जब रोशन हजाम उर्फ रोशन बड़ाइक से संपर्क किया गया, तो उसका जवाब था कि मामला किसी दूसरे रोशन से जुड़ा है, उससे नहीं.
मामला नामकुम अंचल का
आदिवासी सैनिक की है पुश्तैनी जमीन, पत्नी ने की शिकायत
जमीन बचाने के लिए दोनों लगा रहे कार्यालयों के चक्कर