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टाटा की खदानों से उत्पादन शीघ्र

ओड़िशा सरकार से मिली सशर्त मंजूरी जमशेदपुर : टाटा स्टील को आनेवाले दिनों में राहत मिलनेवाली है. ओड़िशा में कंपनी की बंद पड़ी खदानों से शीघ्र उपादन होने की संभावना है. इसके लिए ओड़िशा सरकार से सशर्त मंजूरी मिलने की खबर है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ओड़िशा सरकार ने टाटा स्टील को ऑपरेशन […]

ओड़िशा सरकार से मिली सशर्त मंजूरी

जमशेदपुर : टाटा स्टील को आनेवाले दिनों में राहत मिलनेवाली है. ओड़िशा में कंपनी की बंद पड़ी खदानों से शीघ्र उपादन होने की संभावना है. इसके लिए ओड़िशा सरकार से सशर्त मंजूरी मिलने की खबर है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ओड़िशा सरकार ने टाटा स्टील को ऑपरेशन शुरू करने के लिए सशर्त मंजूरी दी है.

सूत्रों की मानें तो एक-दो दिनों के अंदर कंपनी की ओड़िशा स्थित खदानों से ऑपरेशन शुरू हो जायेगा. हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि कंपनी की ओर से नहीं की गयी है.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ओड़िशा के सात खदानों में ऑपरेशन बंद होने के कारण टाटा स्टील का प्रोडक्शन प्रभावित हो रहा है. इन खदानों में 16 मई से खनन का काम ठप है. टाटा स्टील के ओड़िशा स्थित खदानों से करीब 17 मिलियन टन आयरन ओर का उत्पादन होता है. खदान बंद होने से कंपनी को काफी परेशानी हो रही है.

खनिज संकट से टाटा स्टील में प्रोडक्शन प्रभावित : ओड़िशा में सात खदानों को बंद करने के बाद टाटा स्टील में प्रोडक्शन प्रभावित हुआ है. खास तौर पर आयरन ओर को लेकर परेशानी हो रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ब्लास्ट फर्नेस का पांचवां फर्नेस बंद है. वहीं, करीब 36 घंटे से जी ब्लास्ट फर्नेस में प्रोडक्शन को शट डाउन लिया गया है. इसका कारण मेंटेनेंस बताया गया है.

यहीं नहीं आयरन ओर के विकल्प के तौर पर सिंटर के इस्तेमाल को भी बढ़ाया गया है ताकि बेहतर अनुपात में स्टील की क्वालिटी को बरकरार रखी जाये. वर्तमान परिस्थितियों में टाटा स्टील के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है स्टील की क्वालिटी को बनाये रखने के साथ-साथ स्टील की कीमत को भी प्रतिस्पर्धी बाजार में बनाये रखना. दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया से आयी आयरन ओर की पहली खेप टाटा स्टील पहुंच चुकी है. हालांकि इस बारे में टाटा स्टील की ओर से किसी तरह की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गयी है.

इधर, सेल के खदानों में उत्पादन शुरू

जमशेदपुर. आरएमडी सेल की ओड़िशा में चल रही तीन लौह अयस्क खदानों बोलानी, काल्टा व बरसुआ में 31 मई को दूसरी पाली से पुन: उत्पादन शुरू हो गया. ओड़िशा सरकार के निर्देश पर इन तीनों खदानों को 17 मई से बंद कर दिया गया था. तीनों खदानों से प्रतिदिन 25 हजार टन का उत्पादन किया जाता था. बोलानी से 14 हजार, काल्टा से चार से पांच हजार व बरसुआ से सात से आठ हजार टन लौह अयस्क का उत्पादन होता रहा है.

इन खदानों के 13 दिनों तक बंद रहने से सेल को लगभग साढ़े नौ करोड़ की क्षति होने का अनुमान लगाया जा रहा है. सरकार ने खदानों को चालू करने के लिये कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सुझाव व शर्ते रखी है. जिसे खदान प्रबंधन को पूरा करने को कहा गया है. सेल के बोलानी लौह अयस्क खदान के महाप्रबंधक दिलीप भार्गव ने बताया कि ओड़िशा सरकार द्वारा खदानों को चालू करने के लिये कुछ शर्तें निर्धारित की गयी हैं. इन शर्तो को अगले तीन माह में पूरा कर लिया जायेगा.

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