रांची: जरेडा (झारखंड रेनुएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी) द्वारा राज्य के 55 स्थलों पर स्मॉल हाइडल प्रोजेक्ट लगाने की योजना है. इसके लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा रही है. ये स्मॉल हाइडल प्रोजेक्ट की क्षमता 0.028 मेगावाट से लेकर पांच मेगावाट तक की है. जल की उपलब्धता के आधार पर परियोजना लगायी जायेगी. फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाने का काम फीडबैक इंफ्रा को दिया गया है. बताया गया कि एक प्लांट की लागत कम से कम एक करोड़ रुपये की है. जरेडा द्वारा साहेबगंज जिले में 1.2 मेगावाट क्षमता की 10, दुमका में तीन, प. सिंहभूम में पांच, गुमला में तीन हाइडल प्रोजेक्ट लगाने का प्रस्ताव है.
सस्ती होती है बिजली
जेरेडा के एक अधिकारी ने बताया कि हाइडल पावर प्लांट से उत्पादित बिजली की लागत काफी कम होती है. इसकी 50 पैसे से लेकर एक रुपये प्रति यूनिट तक होती है. सस्ती बिजली होने की वजह से हाइडल को बेहतर माना जाता है.
पीपीपी मोड पर होगा निर्माण
पावर प्लांट का निर्माण लोक-निजी भागीदारी के तहत होगा. इसमें निजी निवेशक पावर प्लांट का निर्माण करेंगे और सरकार उन्हें स्थल मुहैया करायेगी. बताया गया कि इस वित्तीय वर्ष में कम से कम सात हाइडल परियोजना पर निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा.