रांची: भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के सदस्य एक बार फिर से हार्डकोर नक्सली कुंदन पाहन को संगठन में शामिल करने के लिए तैयार हो गये हैं. कुंदन के पुराने गुनाह को माफ करने का निर्णय लिया गया है. इसे लेकर गत रविवार को गोला के बड़काजार स्थित जंगल में नक्सलियों की बैठक हुई थी. इसमें अजय महतो, दीपक, राम मोहन, मोछू, मास्टर उर्फ लावा शामिल हुए. सूचना मिलने पर पुलिस भी पहुंची, जहां नक्सलियों के साथ एनकाउंटर भी हुआ था.
कुंदन को फिर से संगठन में शामिल किये जाने को लेकर नक्सलियों की चल रही तैयारी के संबंध में पुष्टि एक आइपीएस अधिकारी ने की है. सूत्रों के अनुसार एनकाउंटर के बाद जब इस बात का सत्यापन किया गया कि नक्सली वहां क्यों जुटे थे. तब इस बात की जानकारी मिली कि नक्सली संगठन के सदस्य कुंदन पाहन को दोबारा संगठन में शामिल करने के लिए विचार-विमर्श के लिए जुटे थे. ज्ञात हो कि कुंदन पाहन और नक्सली संगठन के बड़े नेताओं के बीच पिछले कुछ वर्षो से विवाद चल रहा है. इसे सुलझाने जिम्मेवारी नक्सली अनल दा को जिम्मेवारी मिली, लेकिन वह विवाद को सुलझा नहीं सका.
इसी बीच संगठन द्वारा यह आरोप लगाया गया कि कुंदन संगठन में शामिल महिला नक्सली का यौन शोषण करता है. इसी को लेकर विवाद बढ़ने के बाद पाहन संगठन से चार-पांच सहयोगियों के साथ अलग हो गया. पुलिस को यहां तक खबर मिली कि नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी ने कुंदन पाहन को संगठन से बाहर कर दिया है. कुंदन पाहन के दस्ते में वर्ष 2009 से पूर्व करीब 100 सदस्य थे. लेकिन धीरे- धीरे संगठन के दो दर्जन से ज्यादा नक्सलियों ने आत्म समर्पण कर दिया है.
इसके साथ ही कई नक्सलियों ने पुलिस के गिरफ्तार तक कर लिया. इसके बावजूद कुंदन पाहन कमजोर नहीं हुआ. कुंदन पाहन खुद नक्सली राम मोहन को एरिया कमांडर से जोनल कमांडर रैंक में प्रमोशन देकर खुद झारखंड रीजनल कमेटी का सदस्य बन गया. केंद्रीय कमेटी से निर्देश भी नहीं लिया. इसके बाद कुंदन खुद केंद्रीय कमेटी में शामिल होने के लिए तैयारी करने लगा. इसे लेकर भी शीर्ष नेताओं के साथ पाहन का विवाद हुआ था.
वर्ष1999 में संगठन से जुड़ा कुंदन पाहन
वर्ष 1999 में गिरिडीह से नक्सलियों का एक दस्ता बुंडू-तमाड़ पहुंचा था. दस्तें में मिथिलेश सिंह, तेज पाल महतो उर्फ डेविड, ईश्वरी महतो, गिरिश महतो और राम चंद्र गंझू सहित कई लोग शामिल थे. दस्ता के सदस्यों ने गांव वालों की समस्याओं को लेकर बैठक की. बैठक में कुंदन पाहन भी शामिल हुआ. इसके बाद कुंदन पाहन नक्सलियों की विचारधारा से प्रभावित होकर संगठन में शामिल हो गया था.