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जामताड़ा के साइबर अपराधियों से देश तंग उनके सामने आइजी पुलिस को धमका रही

आरोप. एसपी जया रॉय ने आइजी सुमन गुप्ता के खिलाफ डीजीपी को लिखा पत्र पुलिस अफसर भयभीत साइबर क्राइम की सफलता पर पड़ेगा असर रांची : पुलिस महकमा में आये दिन कनीय व वरीय अफसरों के बीच तू-तू, मैं-मैं और आरोप-प्रत्यारोप की बातें सामने आती रहती हैं. ताजा मामला रेल अाइजी सह दुमका प्रक्षेत्र की […]

आरोप. एसपी जया रॉय ने आइजी सुमन गुप्ता के खिलाफ डीजीपी को लिखा पत्र

पुलिस अफसर भयभीत साइबर क्राइम की सफलता पर पड़ेगा असर
रांची : पुलिस महकमा में आये दिन कनीय व वरीय अफसरों के बीच तू-तू, मैं-मैं और आरोप-प्रत्यारोप की बातें सामने आती रहती हैं. ताजा मामला रेल अाइजी सह दुमका प्रक्षेत्र की आइजी सुमन गुप्ता से जुड़ा है. इनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए जामताड़ा की एसपी डॉ जया रॉय ने डीजीपी डीके पांडेय से शिकायत की है. कहा है कि आइजी नारायणपुर थाने में दर्ज कांड संख्या 250/17 के पर्यवेक्षण के लिए 02 जून 2018 को लटैया गांव गयी थीं. इस दौरान ग्रामीणों और साइबर अपराधियों के सामने ही आइजी द्वारा पूरे महकमा को अपमानित किया गया. साइबर रेड में शामिल पुलिस कर्मियों को अमर्यादित भाषा व धमकी देकर ऊंची आवाज में डराया-धमकाया गया.
डीजीपी को संबोधित पत्र में एसपी ने कहा है कि जामताड़ा जिला साइबर अपराध से ग्रसित है. यहां पर पुलिस द्वारा बराबर छापेमारी की जाती है. इस वजह से वहां के लोग व नेता विरोध करते हैं. इन बातों को झेलना स्थानीय पुलिस को पड़ता है. ऐसे साइबर प्रभावित क्षेत्र में एक वरीय पदाधिकारी पुलिस कर्मियों का मनोबल तोड़ेंगे, तो क्षेत्र में साइबर अपराध पर रोक लगाना मुश्किल हो जायेगा. यहां के साइबर अपराधी से पूरा देश परेशान है. जबकि स्थानीय पुलिस कर्मी अपने भविष्य को लेकर परेशान हैं. ऐसी परिस्थिति में झारखंड पुलिस को साइबर क्राइम के मामले में जो सफलता मिल रही है, उसमें कमी आ जायेगी.
आइजी की कार्रवाई पुलिस का मनोबल तोड़नेवाली, पुलिस अफसर भयभीत
आइजी के सुपरविजन पर भी खड़े किये सवाल
एसपी डॉ जया रॉय ने अपने पत्र में कहा है कि आइजी का नारायणपुर थाना क्षेत्र के लटैया स्थित घटनास्थल पर जाना सवाल खड़ा करता है. क्योंकि यह एक फैक्ट फाइंडिंग प्रक्रिया नहीं थी. वहां पर मौजूद पुलिसकर्मियों को ऐसा प्रतीत हुआ कि आइजी का उद्देश्य सत्यता की जांच करने के बजाय विशिष्ट बिंदुओं पर विशिष्ट तरीके से साक्ष्य संकलन करना था.
जांच में जुटे कनीय पदाधिकारियों के प्रयास को भी आइजी ने विफल कर दिया. पूछताछ के क्रम में जामताड़ा जिले के पदाधिकारियों को गाली देकर संबोधित किया गया. ग्रामीणों के सामने पूरे पुलिस फोर्स की बेइज्जती की गयी. कुछ सवालों का जवाब दूसरे पुलिस कर्मी ने देने का प्रयास किया, तो आइजी ने उनकी वर्दी उतरवा देने की धमकी दी.
जब एसपी ने आइजी से अनुरोध किया, तो आइजी ने कह दिया कि घटना असत्य है. वहीं आइजी द्वारा लोगों को तैयार करके बयान लिया गया. एक वरीय अफसर द्वारा यह उम्मीद नहीं की जाती कि वे पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर जिला के पुलिस पदाधिकारियों के मनोबल को तोड़ने का भरपूर प्रयास करे.

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