रांची: रिंग रोड फेज सात (कांठी टांड़ से विकास तक) की योजना स्वीकृत कर ली गयी है. पथ निर्माण विभाग ने योजना को कैबिनेट की बैठक में रखने की तैयारी कर ली है. मुख्यमंत्री के पास से संचिका लौटने के बाद अगली कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को रखा जायेगा. कैबिनेट से पास कराने के बाद इसके निर्माण की सारी प्रक्रियाएं तेजी से की जायेगी. यह प्रयास किया जा रहा है कि इसी वित्तीय वर्ष में इसका काम भी शुरू हो जाये. पथ निर्माण विभाग ने इसके निर्माण के लिए राशि की व्यवस्था कर ली है.
346 करोड़ रुपये में बनेगा रिंग रोड : इस बार रिंग रोड का इस्टीमेट करीब 346 करोड़ रुपये का बनाया गया है. इस सड़क को छह लेन का बनाया जायेगा. कांठी टांड़ (तिल्ता) से सुकर हुटू, कांके होते हुए विकास तक करीब 23 किमी सड़क का निर्माण कराना है. इससे पहले 156 करोड़ रुपये में इसका निर्माण शुरू कराया गया था. इसके लिए 2007 में काम शुरू हुआ था. बाद में 40 फीसदी ही काम हुआ. कार्य प्रगति धीमी होने की वजह से संबंधित ठेकेदार को टर्मिनेट कर दिया गया.
अधूरा पड़ा है रिंग रोड : रिंग रोड का काम अधूरा पड़ा हुआ है. तिल्ता से कांके (नगड़ी) तक, फिर इसके आगे तक सड़क का निर्माण तो कराया गया था, लेकिन इसके बीच पड़नेवाले पुलों का निर्माण नहीं हुआ. वहीं फ्लाई ओवर का निर्माण भी नहीं हुआ.
प्रोजेक्ट की लाइफ लाइन: यह सड़क रिंग रोड प्रोजेक्ट की लाइफ लाइन है. इसके निर्माण होने से रिंग रोड का उद्देश्य पूरा हो जायेगा. वहीं आवागमन सुचारु हो जायेगा. गाड़ियों को शहर के अंदर प्रवेश नहीं करना पड़ेगा. रामगढ़ की ओर से आनेवाली गाड़ियां रिंग रोड फेज सात के सहारे सीधे रांची-डालटनगंज या रांची-गुमला मार्ग चली जायेगी. वहीं रांची-गुमला मार्ग की गाड़ियां भी सीधे एनएच 33 पकड़ लेगी.
जुड़ जायेगा एनएच 75, 33, 23 और 75 इ : इस रिंग रोड के बनने के बाद एनएच 75 (रांची-डालटनगंज मार्ग), एनएच 33 (रांची-रामगढ़ मार्ग), एनएच 23 (रांची-गुमला मार्ग), एनएच 75 इ (रांची-चाईबासा रोड) और एनएच 33 (रांची-टाटा मार्ग) जुड़ जायेगा.