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सरकारी पैसे से जेवर और गाड़ी खरीद लिये

लातेहार: जल छाजन कार्यक्रम के कार्यपालक पदाधिकारी अनिल कुमार ने सरकारी पैसों से गाड़ी और जेवर खरीदे है. इसके बाद वह अपने पद से त्यागपत्र दे कर चले गये. पैसों की निकासी से संबंधित दस्तावेज पर कार्यपालक अभियंता गगन देव बैठा का हस्ताक्षर है. हालांकि उन्होंने इसे अपना फरजी हस्ताक्षर बताते हुए इस घोटाले में […]

लातेहार: जल छाजन कार्यक्रम के कार्यपालक पदाधिकारी अनिल कुमार ने सरकारी पैसों से गाड़ी और जेवर खरीदे है. इसके बाद वह अपने पद से त्यागपत्र दे कर चले गये. पैसों की निकासी से संबंधित दस्तावेज पर कार्यपालक अभियंता गगन देव बैठा का हस्ताक्षर है. हालांकि उन्होंने इसे अपना फरजी हस्ताक्षर बताते हुए इस घोटाले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है.

जानकारी के अनुसार ग्रामीण विकास सचिव ने राज्य के सभी जिलों में जल छाजन कार्यक्रम शुरू करने का आदेश (ज्ञापांक 06 (एसएलएनएजेएसडब्लूएम) 194/2014 दिनांक 26.02.2014) दिया. इस आदेश के आलोक में लातेहार जिले में भी जल छाजन कार्यक्रम को बेहतर ढंग से लागू करने की योजना बनी. इसके तहत विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को जिला स्तर पर इस कार्यक्रम को क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग की जिम्मेवारी सौंपी गयी.

उन्हें कार्यक्रम का प्रोजेक्ट मैनेजर बनाया गया. वह इस पद पर 17.04.14 तक कार्यरत रहे. कार्यक्रम संचालित करने के लिए अनिल कुमार को अनुबंध के आधार पर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बनाया गया. कार्यक्रम में वन विभाग की तीन इकाइयों के अलावा एक एनजीओ को भी शामिल किया गया. पद संभालने के बाद अनिल कुमार दे ने जल छाजन प्रकोष्ठ सह आंकड़ा केंद्र (डब्लूसीडीसी) के नाम बैंक ऑफ इंडिया और केनरा बैंक में एक-एक खाता खुलवाया. इन खातों में सरकार द्वारा कार्यक्रम के लिए आवंटित 63 लाख 86 हजार 363 रुपये जमा कराया. इसके बाद अनिल कुमार ने इन खातों से 41 लाख 26 हजार 319 रुपये की नकद निकासी की. गाड़ी खरीदने के लिए रांची के ‘टॉप लिंक’ नामक फर्म के नाम आठ लाख 95 हजार 500 रुपये आरटीजीएस के सहारे हस्तांतरित किया.

रांची स्थित आभूषण नामक प्रतिष्ठान को एक लाख 28 हजार रुपये हस्तांतरित किया. किसी प्रदीप कुमार वर्णवाल के नाम खोले गये एक खाते में 5.60 लाख रुपये हस्तांतरित किया. इसके बाद वह 22 मार्च 2014 को त्यागपत्र दे दिये. प्रोजेक्ट मैनेजर गगन देव बैठा के स्थान पर वन प्रमंडल पदाधिकारी ममता प्रियदर्शी के पदस्थापन के बाद घोटाले का परदाफाश हुआ.

नये प्रोजेक्ट मैनेजर ने पद भार लेने के बाद बैंक खाता, कैश बुक आदि का मिलान करने के बाद 21 लाख 26 लाख 319 रुपये का अंतर पाया और इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी.

कौन है अनिल कुमार

अनिल कुमार ने जल छाजन कार्यक्रम में बतौर तकनीकी विशेषज्ञ अपना योगदान 26.02.2014 को किया था और कुल आवंटित 63 लाख 86 हजार 363 रुपये की निकासी करके दिनांक 22 मार्च 2014 को त्याग पत्र सौंप दिया. अनिल स्थायी तौर पर गोदावरी कॉम्प्लेक्स, रानी तालाब रोड आइएसएम धनबाद का रहने वाला है. उसके पिता का नाम रामाज्ञा कुमार है. उसने 1979 में रांची विवि से इंटर व 1988-89 में बंगलोर विवि से इंजीनियरिंग की परीक्षा पास की. इसके पूर्व वह धनबाद डीआरडीए में अनुबंध पर बतौर सहायक अभियंता थे. वर्ष 2011 से जनवरी 2014 तक नेशनल हाइवे में कार्यरत संवेदक फर्म में बतौर साइट इंजीनियर का कार्य भी कर चुका है.

पुलिस ने सीडी जब्त की

जल छाजन घोटाला मामले में दर्ज लातेहार थाना कांड संख्या 92/14 के आलोक में पुलिस ने बैंक ऑफ इंडिया एवं केनरा बैंक की स्थानीय शाखा से तीन सीडी एवं सीसीटीवी फुटेज जब्त किया है. इसमें मुख्य आरोपी अनिल कुमार दिनांक 11.03.14 को ब्लू रंग की फुल शर्ट एवं काली रंग की पैंट व कत्था रंग का हाफ स्वेटर पहने थे. इसमें वह बैंक काउंटर से रुपये का बंडल ले रहे थे. उसके सहयोगी दीपक कुमार भी कई जगहों पर साथ-साथ रुपये प्राप्त करते दिखे.

इन्हें गवाह बनाया गया

पुलिस ने जब्ती सूची का गवाह बैंक ऑफ इंडिया कर्मी राजीव कुमार सिन्हा तथा नीतेश कुमार को बनाया है. पूरे प्रकरण में झारखंड राज्य जलछाजन मिशन के प्रशासी पदाधिकारी मदन सेन गुप्ता, तकनीकी विशेषज्ञ झारखंड कौशलेंद्र कुमार, विशेष प्रमंडल लातेहार में कार्यरत लिपिक मो इब्राहिम अंसारी, लेखापाल ठाकुर विजय कुमार, डाटा ऑपरेटर नीतू कुमारी, डब्लूसीडीसी के विशेषज्ञ सुधीर कुमार रोशन तथा वन प्रमंडल पदाधिकारी कार्यालय में कार्यरत सहायक दुर्गादत्त पाठक को भी गवाह बनाया गया है.

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