गिरिडीह : झारखंड विकास मोरचा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के नतीजे भाजपा के बेहतर मार्केटिंग की रणनीति का परिणाम है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने गुजरात मॉडल का बेहतर मार्केटिंग किया और देश के वोटरों को आकर्षित करने में सफल रही. श्री मरांडी गिरिडीह में अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि गुजरात के विकास का झूठा ढिंढोरा पीट कर मोदी समर्थक श्रेय ले रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि विकसित गुजरात के मामले में मोदी का कोई योगदान नहीं है.
उन्होंने कहा कि समुद्र के तट पर बसे कई प्रदेशों का विकास हुआ है. उसमें से एक गुजरात भी है. एक सवाल के जवाब में श्री मरांडी ने कहा कि झारखंड में खनिज संपदा जरूर है, लेकिन इस पर मालिकाना हक राज्य सरकार का नहीं है. राज्य सरकार को सिर्फ रॉयल्टी प्राप्त होती है और यहां के मजदूरों को सिर्फ मजदूरी. जेवीएम की करारी हार पर उन्होंने कहा कि झारखंड विकास मोरचा आम लोगों के बीच यह विश्वास नहीं बना सका कि उसकी भूमिका कहीं से राष्ट्रीय होगी. साथ ही बीजेपी के विकल्प के रूप में भी हम जनता का भरोसा पाने में विफल रहे. फिर भी झारखंड विकास मोरचा को काफी वोट मिले है.
वर्ष 2009 में लगभग 9.48 प्रतिशत वोट जेवीएम को मिला था. जबकि इस चुनाव में 12 प्रतिशत से भी ज्यादा वोट मिला है. भाजपा के अप्रत्याशित जीत पर श्री मरांडी ने कहा कि 25 वर्षो से कांग्रेस के नेतृत्व वाले गंठबंधन दल की असफलता के कारण भाजपा को बढ़त मिली. कांग्रेस के शासनकाल में महंगाई और भ्रष्टाचार से आम लोग त्रस्त थे और विकल्प सरकार की तलाश में थे.
युवाओं को भी लगा कि मोदी की नेतृत्व वाली सरकार से रोजगार मिलेगा. झारखंड विकास मोरचा की अगली रणनीति पर श्री मरांडी ने कहा कि अब हम झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारी में उतरेंगे. 21 मई को रांची में होने वाली बैठक में विधानसभा चुनाव की रणनीति तय होगी. झाविमो झारखंड के सभी 81 सीटों पर चुनाव लड़ेगा. इस मौके पर झारखंड विकास मोरचा के सुरेश साव, प्रदीप साहू, नुनूलाल मरांडी, बबलू पाठक, उदय साव, रामचंद्र ठाकुर, मनोज संघई, राजेश जायसवाल, महिला मोरचा की कुसुम सिन्हा आदि मौजूद थे.