चाईबासा: आदिवासी हो समाज के पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ चाईबासा के विधायक दीपक बिरूवा व बबिता हेंब्रम परिणय सूत्र में बंध गये. शुक्रवार को सामाजिक रीति के तहत बारात लेकर दुल्हन बबिता सुबह 11 बजे विधायक के पैतृक गांव सिंदरीगौरी पहुंची.
धोती-कुर्ता में सजे विधायक ने पंडित द्वारा यज्ञ शुरू किये जाने के बाद सात फेरे लिये. लेकिन हो समाज के परंपरा के अनुसार दूल्हा-दुल्हन ने सातों फेरे अकेले लिये. पहले फेरा दुल्हा बने विधायक ने लिया. उन्होंने यज्ञ की अग्नि तथा बैठी (हंसुआ) के पीछे से यह फेरा लिया. इसके बाद वह अपनी जगह पर बैठ गये. इसी तरह दुल्हन ने भी पहला फेरा लिया व पुन: अपनी जगह पर आकर बैठ गयी. यह सिलसिला सात फेरों तक चला. जिसके बाद विधायक ने दुल्हन के मांग में सिंदुर भरा.
नवदंपती को आशीर्वाद व बधाई देने पहुंचे गुरुजी व सीएम
विधायक दीपक बिरूवा तथा उनकी पत्नी बबिता को आशीर्वाद व बधाई देने के लिए राज्य की कई हस्तियां सिंदरीगौरी पहुंचीं. हेलीकॉप्टर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तथा झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन उनके पैतृक गांव पहुंचे. जहां विधायक व उनकी पत्नी ने शिबू सोरेन के पांव छूकर आशीर्वाद लिया. जबकि हेमंत सीएम ने हाथ मिला कर अपने विधायक विधायक को शादी की बधाई दी. इस दौरान उन्होंने परिणय सूत्र में बंधे इस नये जोड़े को उपहार देकर सम्मानित किया. इसी तरह विधायक पौलुस सुरीन भी विवाह से पूर्व वहां पहुंच चुके थे.
सीएम को नहीं पता था कि दुल्हन लेकर आयी थी बारात
शादी में शामिल होने पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को यह पता ही नहीं था कि विधायक दीपक बिरूवा से विवाह करने उनकी पत्नी बबिता बारात लेकर पहुंची है. सीएम जब वहां पहुंचे तो विवाह संपन्न हो चुका था. क्योंकि विधायक के आवास पहुंचने के बाद सीएम ने कहा कि क्या बारात निकल चुकी है या फिर निकलने वाली है. तब उपस्थित लोगों ने उन्हें दुल्हन द्वारा बारात लाने तथा विवाह संपन्न होने की जानकारी दी.