रांची: राज्यपाल की ओर से विनोबा भावे, कोल्हाल, नीलांबर-पीतांबर व सिदो-कान्हू मुरमू विवि में कुलपतियों की नियुक्ति किये जाने के बाद सरकार व राजभवन में विवाद बढ़ता जा रहा है. नियुक्ति से नाराज शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा है कि इस मामले में कार्रवाई की जायेगी. कुलपतियों की नियुक्ति सरकार की बिना सहमति से हुई है. ऐसी नियुक्ति जिसमें सरकार की सहमति नहीं है, तो सरकार वेतन कैसे दे सकती है. सरकार नये कुलपतियों को वेतन नहीं दे सकती.
नियमों की अनदेखी हुई : शिक्षा मंत्री ने कहा : मैंने कुलपति नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज करायी थी. नियुक्ति को लेकर आग्रह भी किया था. पर सरकार की बातों को नजरअंदाज कर दिया गया. नियुक्ति में नियमों की अनदेखी की गयी. सरकार की बिना सहमति की नियुक्ति को सही नहीं ठहराया जा सकता है. जिन लोगों को कुलपतियों के पद पर नियुक्त किया गया है, उनमें कुछ का रिकॉर्ड भी ठीक नहीं है.
कहां जायेंगे झारखंड के लोग : उन्होंने कहा : झारखंड के लोग अगर यहां कुलपति नहीं बनेंगे, तो कहां जायेंगे. स्थानीय लोगों की उपेक्षा हुई है. इसे बरदाश्त नहीं किया जा सकता. सरकार के कहने के बाद भी नियुक्ति में यहां के लोगों की उपेक्षा की गयी.
जल्द शुरू होगी कानूनी कार्रवाई
गीताश्री उरांव ने कहा : इन नियुक्तियों को लेकर सरकार कोर्ट जायेगी. मामले में कार्रवाई शुरू करने को कहा गया है. महाधिवक्ता से विचार-विमर्श कर जल्द ही आगे की कार्रवाई की जायेगा. विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन तत्काल नहीं हो सकता. इसकी प्रक्रिया लंबी होती है. ऐसे में सरकार के पास कोर्ट जाना ही एक मात्र विकल्प है.