30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सरकारी स्कूल में ताला, ग्रामीण चंदे से चला रहे निजी स्कूल

तुलबुला से लौट कर विनोद पाठक गढ़वा : प्रखंड के तुलबुला गांव में सरकार का सर्वशिक्षा अभियान पूरी तरह से फेल है. शिक्षा विभाग द्वारा यहां खोले गये विद्यालय को उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय का दरजा दिया गया है. विद्यालय का अपना भवन भी है, लेकिन स्कूल हमेशा बंद रहता है. पढ़ाई नहीं होती. ग्रामीण बताते […]

तुलबुला से लौट कर विनोद पाठक

गढ़वा : प्रखंड के तुलबुला गांव में सरकार का सर्वशिक्षा अभियान पूरी तरह से फेल है. शिक्षा विभाग द्वारा यहां खोले गये विद्यालय को उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय का दरजा दिया गया है. विद्यालय का अपना भवन भी है, लेकिन स्कूल हमेशा बंद रहता है. पढ़ाई नहीं होती. ग्रामीण बताते हैं कि वर्तमान समय में यह विद्यालय महज खिचड़ी खिलाने के लिए आधे घंटे के लिए खुलता है.

इस समय यहां 65 बच्चे नामांकित हैं. लेकिन पांच-दस बच्चे ही आते हैं और खिचड़ी खाकर चले जाते हैं. विद्यालय में गांव के ही वसंत लकड़ा व बानुटीकर के कमरूद्दीन अंसारी पारा शिक्षक हैं. लेकिन दोनों मीटिंग के नाम पर अक्सर गायब रहते हैं. इसके चलते यहां नामांकित बच्चों ने धीरे-धीरे विद्यालय आना छोड़ दिया है.

विकल्प तलाशा ग्रामीणों ने : सरकारी स्कूल के बंद रहने से परेशान तुलबुला सहित आसपास के गांवों बानुटीकर, कीतासोती, भदुमा के अभिभावक अपने स्तर से निजी विद्यालय खोल कर अपने बच्चों को प्राथमिक शिक्षा दिलाने की पहल

की है.

इनलोगों ने ईसाई मिशनरी से संपर्क किया. तुलबुला में ज्योति प्राथमिक विद्यालय खोल कर शिक्षक बहाल किये. गरीबी के बावजूद प्रति परिवार 500 रुपये चंदा देकर अपने बच्चों को शिक्षा दिला रहे हैं. साथ ही इस विद्यालय में प्रति माह शुल्क भी देना पड़ता है. बावजूद बच्चे सरकारी विद्यालय छोड़ कर इस निजी विद्यालय में ही पढ़ने जाते हैं. ऐसा क्यों करते हैं, पूछने पर बच्चे बताते हैं कि वहां समय पर विद्यालय खुलता है और अच्छी पढ़ाई होती है.

पांचवीं कक्षा तक ही ले पाते हैं शिक्षा : तुलबुला में ग्रामीणों के सहयोग से खोले गये इस निजी स्कूल में इस समय 400 से ऊपर बच्चे पढ़ रहे हैं. लेकिन यहां अब तक पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई की ही व्यवस्था है. फलस्वरूप पांचवीं कक्षा के बाद अधिकतर बच्चे पढ़ाई छोड़ दे रहे हैं. छात्राओं का यदि कस्तूरबा विद्यालय में नामांकन हो गया, तो ही उनकी पढ़ाई आगे जारी रह पाती है, अन्यथा वे भी घर बैठ जाती हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें