रांची: चालू वित्तीय वर्ष के दौरान राज्य सरकार के समक्ष गंभीर आर्थिक संकट उत्पन्न होने की आशंका जतायी जा रही है. केंद्रीय अनुदान में लगातार कमी के बावजूद राज्य सरकार द्वारा इस मद से दोगुने की उम्मीद करना इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है.
राज्य सरकार द्वारा अपना बजट तैयार करने के विभिन्न स्नेतों से मिलनेवाली राशि का अनुमान किया जाता है. इसमें से एक स्नेत केंद्रीय अनुदान है. पिछले कई वर्षो से मिलनेवाली केंद्रीय अनुदान में भारी गिरावट आ रही है. इससे राज्य सरकार अपने बजट आकार के मुकाबले पूरी राशि नहीं जुटा पा रही है. परिणाम स्वरूप राज्य को अपना योजना आकार कम करना पड़ रहा है.
वर्ष 2009-10 में राज्य सरकार ने बजट में 3047.95 करोड़ रुपये बतौर अनुदान मिलने की उम्मीद जतायी थी. इस वर्ष अनुमान के मुकाबले अनुदान में 92.41 प्रतिशत राशि मिली थी. इसके बाद से अनुदान में लगातार गिरावट आयी है. वर्ष 2010-11 में उम्मीद के मुकाबले 88.05 प्रतिशत और 2011-12 में 56.60 प्रतिशत राशि ही मिल सकी.
वर्ष 2012-13 में सरकार ने बजट में केंद्रीय अनुदान के रूप में 11227.90 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद जतायी. हालांकि केंद्र से सिर्फ 4822.20 करोड़ रुपये ही मिले, जो अनुमान का 42.95 प्रतिशत था. अनुमान के मुकाबले अनुदान काफी कम मिलने की वजह से सरकार को अपना योजना आकार घटाना पड़ा. ऐसा राज्य गठन के बाद पहली बार हुआ. केंद्रीय अनुदान में भारी कमी के मद्देनजर राज्य सरकार के 2013-14 में 2012-13 के मुकाबले कम अनुदान मिलने की उम्मीद की. हालांकि 2013-14 में भी सरकार को उम्मीद के मुकाबले 52.41 प्रतिशत राशि ही मिली. इस स्थिति के मद्देनजर सरकार को दूसरी बार योजना आकार कम करना पड़ा. इसके बावजूद सरकार ने 2014-15 में केंद्रीय अनुदान व सहायता मद में 15785.47 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद जतायी है. यह उम्मीद 2013-14 में मिली राशि 5203.13 करोड़) से करीब तीन गुना अधिक है.