आदित्यपुर/सरायकेला: आदित्यपुर थाना अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्र के फेज सात के प्लॉट एनएस-48 स्थित विजया लक्ष्मी इंटरप्राइजेज की आड़ में वृहद स्तर पर चल रहे गन फैक्टरी का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है.
पुलिस ने यहां से रंगेहाथ 7 व 9 एमएम के 102 निर्मित व अर्धनिर्मित पिस्टल के साथ चार लोगों को गिरफ्तार किया है. ये सभी बिहार के रहनेवाले हैं. आदित्यपुर इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट ऑथिरिटी (आयडा) के एमडी युगल किशोर चौबे ने कहा कि इस प्लॉट का आवंटन रद्द होगा.
कोलकाता से मंगाते थे सामग्री
इस संबंध में डीआइजी मो नेहाल ने आदित्यपुर थाना में पत्रकारों को बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के किसी कंपनी में बड़े स्तर पर पिस्टल तैयार किये जा रहे हैं. जिसके बाद सरायकेला पुलिस ने बिहार एसटीएफ आइजी अमित कुमार से संपर्क किया. उसके बाद सरायकेला एसपी मदन मोहन लाल व बिहार एसटीएफ के एसआइ मो अफसर हुसैन के नेतृत्व में आदित्यपुर थाना प्रभारी के सहयोग से छापामारी की गयी. उन्होंने बताया कि पिस्टल बनाने की सामग्री कोलकाता से लायी जाती थी.
मो नेहाल ने बताया कि सरगना की गिरफ्तारी कर ली गयी है, लेकिन कंपनी को किराये पर देने वाले विजय लक्ष्मी कंपनी का मालिक बागबेड़ा निवासी कृष्णा कुमार फरार है. उसकी गिरफ्तारी के लिए छापामारी की जायेगी. साथ ही गन की सप्लाई व इससे जुड़े अन्य लोगों के भी नाम सामने आये हैं, पुलिस उनसे भी पूछताछ करेगी.
कोई साइंस ग्रेजुएट तो कोई आइटीआइ डिग्रीधारी : मिनी गन फैक्टरी मामले में गिरफ्तार सभी आरोपी काफी एजुकेटेड हैं. इसमें से कारोबार का सरगना राकेश बीएससी (भौतिकी) पास है. वहीं उसके साथ शामिल कारीगर मो अफरोज आइटीआइ डिग्री हासिल किये हुए है. उसके अलावा मो इवरार व मो मेराज आलम ने मैट्रिक तक की पढाई की है.
छापामारी में बरामद सामान
पिस्टल कटिंग बॉडी कवर : 49
पिस्टल बिना कंटिंग बॉडी कवर : 49
पिस्टल : 04
कटिंग स्लाइडर : 47
बिना कटिंग स्लाइडर : 48
बिना कटिंग बड़ा बॉडी स्लाइडर : 05
पिस्टल ग्रिप : 51
बैरल : 17
लेथ मशीन : 04
1800 में खरीद कर 15 हजार में बेचते थे पिस्तौल
आदित्यपुर में मिनी गन फैक्टरी के उदभेदन के बारे में पुलिस ने बताया कि एक दिन करीब छह पिस्टल तैयार कर लिया जाता है. साथ ही एक महीने में करीब 150 पिस्टल बनाया जाता है. इसके अनुसार अभी तक करीब हजारों पिस्टल तैयार कर बेचा जा चुका है. पिस्टल बनाने वाले युवकों को प्रति पिस्टल के हिसाब से रुपये दिये जाते हैं. उन्हें प्रति पिस्टल 400 रुपये दिये जाते हैं. कंपनी में तैयार गन को मुंगेर निवासी मो इस्लाम को सप्लाई किया जाता था. वह स्वयं आता था और गन लेकर जाता था. उसे प्रति पिस्टल 1800 रुपये में दिया जाता था. वह बिहार ले जाकर उसे फिनिस करके करीब 14000 से 15000 रुपये में बेचता था.
कुछ कंपनी में और चलने की संभावना. पुलिस के अनुसार आदित्यपुर व गम्हरिया में कुछ और जगह है, जहां पिस्टल बनाये जाने की सूचना है. पुलिस वैसे जगहों पर छापामारी करेगी.