देवघर: मोहनपुर प्रखंड स्थित हरकट्टा गांव निवासी कामदेव पोद्दार गांव के इंजीनियर कहलाते हैं. 75 वर्षीय कामदेव के पास अकूत तकनीकी जानकारी है. बिजली वायरिंग, पंपसेट, जेनरेटर, चापानल, पंखा, कुलर, साइकिल व अन्य इलेक्ट्रिकल चीजों में खराबी आयी तो कामदेव के हाथ लगाते ही झट से ठीक हो जाता है.
हरकट्टा समेत चार-पांच गांव में इन मशीनों की मरम्मत के लिए लोगों को कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ती है. कोई खराबी आयी तो सीधे कामदेव से लोग मिलते हैं और फिर वे अपने औजार के साथ गांव पहुंच कर दुरुस्त कर देते हैं.
कामदेव 1962 से इस पेशा में हैं. वे देवघर स्थित भगवती राइस मिल में हेड मिस्त्री थे. 25 वर्षो तक राइस मिल में अपनी सेवा दी. इसके बाद रोलिंग मिल व प्लॉक फैक्टरी में भी मुख्य मिस्त्री के रूप में काम किया. राइस मिल व रोलिंग मिलों में मशीन का कार्य कामदेव ही देखते थे. उनकी कार्यकुशलता को देखते हुए दुमका, भागलपुर व जरमुंडी के राइस मिल वाले मशीन में कोई खराबी आने पर उन्हें साथ ले जाते थे. रिटायरमेंट के बाद आज भी राइस मिल वाले उनसे आइडिया लेने के लिए याद करते हैं.
उम्र के अंतिम पड़ाव पर कामदेव पोद्दार के हाथों से हुनर आज भी कम नहीं हुआ है. बिजली वायरिंग, पंखा, चापानल समेत अन्य तकनीकी चीजों की मरम्मत आज भी वे करते हैं. गांव में तो अधिकांश कार्य नि:शुल्क कर देते हैं. कामदेव ने अपनी तकनीकी कला से अपनी साइकिल में बड़ा गियर लगाये हैं व कई तकनीकी वस्तुएं जोड़े हैं. इससे साइकिल चलाने में कम ताकत लगती है व रफ्तार तेज रहता है. आज भी कामदेव अपनी इस साइकिल से आठ किलोमीटर दूर देवघर रोज आना-जाना करते हैं. कामदेव का कहना है कि कोई भी कार्य मेहनत व लगन से किया जाये तो आसान बन सकता है.