चाईबासा में गिरफ्तार 25 लाख के इनामी नक्सली संदीप दा ने पुलिस की पूछताछ में इसका खुलासा किया है. हालांकि उसने यह भी जानकारी पुलिस अफसरों को दी है कि संगठन छोड़कर घर चले गये नक्सलियों को वापस लाने का प्रयास नहीं किया जा रहा है. केंद्रीय कमेटी सदस्य और एक करोड़ रुपये के इनामी मिसिर बेसरा द्वारा उसे जानकारी दी गयी थी कि संगठन का स्टैडिंग ऑर्डर है कि जो नक्सली संगठन छोड़ भाग गये हैं, उन्हें वापस नहीं लाना है. क्योंकि इस बात की पूरी संभावना है कि वह वापसी में संगठन के लिए कम, पुलिस के लिए ज्यादा काम करें. ऐसे में यह संगठन के लिए बेहद खतरनाक होगा.
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सैक सदस्य राजेश टुडू सहित एक दर्जन नक्सलियों ने किया संगठन से किनारा
रांची : पुलिसिया दबाव के कारण बैकफुट पर पहुंच चुके प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन से अब पुराने नक्सली भी किनारा करने लगे हैं. एक-दो नहीं बल्कि एक दर्जन से ज्यादा नक्सलियों ने संगठन छोड़ दिया है. यह वे नक्सली हैं, जो पांच वर्ष या उससे ज्यादा समय से संगठन में रहकर काम कर रहे थे. […]
रांची : पुलिसिया दबाव के कारण बैकफुट पर पहुंच चुके प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन से अब पुराने नक्सली भी किनारा करने लगे हैं. एक-दो नहीं बल्कि एक दर्जन से ज्यादा नक्सलियों ने संगठन छोड़ दिया है. यह वे नक्सली हैं, जो पांच वर्ष या उससे ज्यादा समय से संगठन में रहकर काम कर रहे थे. इसे संगठन के लिए बड़ा झटका कहा जायेगा.
जिन नक्सलियों ने संगठन से किनारा कर लिया है, उनमें सारंडा सब जोन में सक्रिय सैक सदस्य राजेश टुडू उर्फ फूलचंद टुडू उर्फ हरीश, उसकी पत्नी जोनल सदस्य अंकिता मुर्मू उर्फ मोंगली सहित एक दर्जन से ज्यादा नक्सली हैं. दोनों पति-पत्नी पांच माह पूर्व अपने घर गये थे, लेकिन वापस नहीं आये. राजेश मूल रूप से धनबाद जिले के तोपचांची, गंगापुर का निवासी है. वहीं अंकिता गिरिडीह जिले के गोलाडाबर, पीरटांड़ की रहनेवाली है. अंकिता मुर्मू सैक सदस्य संदीप की ममेरी बहन है.
इन नक्सलियों ने छोड़ दिया नक्सली संगठन
सारंडा क्षेत्र से जो नक्सली संगठन छोड़कर भागे हैं उनमें चाईबासा का आर सिंह मुंडा, नीतू बंकिरा, चंदू, मिर्जू, बिरसा व सूरजमणि चांपिया, बंगरा केराई, पेलोंग चांपिया, नरसिंह केराई, फूलमणि, खुशबू व खूंटी का नकुल शामिल है. जबकि पारसनाथ में अनल दा के साथ रहनेवाला नक्सली अरुण (बुंडू निवासी) भी संगठन छोड़ चुका है.
बड़े नक्सलियों की पत्नियों ने संभाला सहयोगी संगठन
नारी मुक्ति संघ की अध्यक्ष है चांदमुनी. चांदमुनी नंदलाल मांझी उर्फ हितेश की पत्नी है. मूल रूप से गिरिडीह जिले के पीरटांड़ की रहनेवाली है, जबकि मिसिर बेसरा के करीबी नक्सली चमन उर्फ लंबू की पत्नी दुला देवी भी नारी मुक्ति संघ की सदस्य है. वह सारंडा में इस वर्ष जनवरी-फरवरी में चमन से मिलने आयी थी.
संगठन की सहयोगी संस्था की मजबूती पर जोर
संदीप दा ने संगठन के अग्रणी संस्थाओं के संबंध में पुलिस को कई तरह की जानकारी दी है. उसने बताया है कि सांगाजाटा, कटाम्बा, कमसूवां, होसीपी, रोतागुटू, और तियनबेड़ा में मई-जून 2017 में केसीसी का गठन किया गया है. केसीसी के गठन का जिम्मा कांडे होन्हांगा, सागेन और रापा को दिया गया है.
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