रांची : नामकुम थाना के दारोगा की पुत्री के अपहरण के आरोप में जब आरोपी युवक नहीं मिला और उनकी पुत्री बरामद नहीं हुई, तो पुलिस ने आरोपी युवक के मामा प्रदीप कुमार यादव की संलिप्तता पर 24 घंटे के अंदर जांच पूरी कर उसे जेल भेज दिया. पुलिस ने प्रदीप कुमार यादव को आरोपी युवक पर दबाव बनाने के लिए पकड़ा था. लेकिन बाद में उन्हें मंगलवार को जेल भेजा दिया गया. दारोगा की पुत्री पिछले एक महीने से लापता है.
इस मामले में दारोगा ने 27 नवंबर को पुरुषोत्तम यादव नामक युवक के खिलाफ उनकी पुत्री को शादी की नीयत से अपहरण करने के आरोप में केस दर्ज कराया था. केस में आरोपी युवक के मामा और उनकी नाबालिग बेटी को भी आरोपी बनाया गया था. आरोपी युवक के मामा प्रदीप यादव नामकुम के महुआ टोली में रहते है़ं दारोगा भी महुआ टोली में प्रदीप यादव के घर के सामने रहते है़ं
इधर, प्रदीप यादव के पुत्र ने वरीय पुलिस अधीक्षक को आवेदन दिया है, जिसमें उसने अपने पिता को निर्दोष बताते हुए मामले की जांच की मांग की है.
उसने आरोप लगाया है कि दारोगा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उसके पिता को मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया़, जबकि 27 नवंबर को ही इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी़. गौरतलब है कि गत 28 अक्तूबर से दारोगा की पुत्री व पुरुषोत्तम यादव फरार है़ं इस संबंध में लड़की के पिता दारोगा ने कहा कि इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है. मामले के बारे में नामकुम थाना प्रभारी ही बता सकते हैं.
अनुसंधान के आधार पर हुई गिरफ्तारी
दारोगा की लड़की भगाने में आरोपी युवक के मामा प्रदीप कुमार यादव का हाथ है. यह बात अनुसंधान में सामने अायी है. इस आधार पर ही उन्हें गिरफ्तार किया गया है. युवक के परिवारवाले अभी फरार चल रहे हैं, जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
सौमित्र पंकज भूषण, थाना प्रभारी, नामकुम
गिरफ्तारी का आदेश नहीं दिया
मैंने अभी इस केस का सुपरविजन या टेस्ट नोट नहीं दिया है. मैंने लिखित में गिरफ्तारी का आदेश भी नहीं दिया है. इस मामले में नामकुम थाना की ओर से मुझे बताया गया था कि प्रदीप कुमार यादव ने दारोगा की पुत्री को भगाने में सहयोग किया है.
अमित कच्छप, मुख्यालय डीएसपी