कांके : अस्पताल में भरती एक विवाहित महिला को बेहोशी का इंजेक्शन देकर वहीं के कंपाउंडर पर उसकी अस्मत लूट लेने का आरोप लगा है. इस मामले में पुलिस ने अस्पताल के कंपाउंडर रामकुमार महतो को गिरफ्तार कर लिया है. मामला कांके थाना क्षेत्र के अरसंडे ब्लॉक रोड स्थित कांके जेनरल अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर का है. महिला (30 वर्ष) 23 अप्रैल को अपना इलाज कराने के लिए अस्पताल में भरती हुई थी. रात में लगभग 12.30 बजे उसके साथ इस तरह की शर्मनाक हरकत की गयी. घटना के बाद कंपाउंडर फरार हो गया, बाद में उसे गिरफ्तार किया गया.
* अस्पताल पर पत्थरबाजी
इधर, घटना की सूचना पूरे इलाके में आग की तरह फैल गयी. सूचना मिलते ही पीडि़ता के परिजन समेत ग्रामीण और विभिन्न राजनैतिक दलों के नेता अस्पताल पहुंच गये. गुस्साये ग्रामीणों ने अस्पताल में हंगामा किया. वहीं अस्पताल पर पत्थर भी फेंके गये. लोग आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे. घटना और हंगामे की सूचना मिलते ही ग्रामीण डीएसपी मुकेश कुमार, इंसपेक्टर दिनेश कुमार गप्ता, एएसआइ रामप्रसाद साहू व सुखराम उरांव अस्पताल पहुंचे. पुलिस प्रशासन ने वहां हंगामा कर रहे लोगों को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं मान रहे थे. बाद में किसी तरह उन्हें शांत कराया गया.
* महिला की मेडिकल जांच हुई
पुलिस ने पीडि़ता से बयान लेने के बाद प्राथमिकी दर्ज की. वहीं उसे मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल भेजा गया. पुलिस ने घटना के मामले में पीडि़ता की मां, पति और चाचा का भी फर्द बयान लिया. उसके बाद उसे साईं अस्पताल में भरती कराया गया. पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए शाम में अस्पताल के प्रबंधक शंभू प्रसाद सिंह को हिरासत में ले लिया और कंपाउंडर के बारे में पूछताछ की. बाद में शंभू प्रसाद से फोन कर आरोपी राजकुमार महतो को थाने में बुलाया गया, जिसके बाद उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. वह ओरमांझी स्थित सदमा जारा का रहनेवाला है. हालांकि बाद में अस्पताल के प्रबंधक को छोड़ दिया गया.
* साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ का आरोप
परिजनों और ग्रामीणों ने अस्पताल प्रबंधन पर साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है. ग्रामीणों का कहना है कि घटना के तुरंत बाद पीडि़ता का कमरा व बेडशीट क्यों बदला गया. मेडिकल जांच कराने में पुलिस प्रशासन ने देरी क्यों की.
* 23 अप्रैल को हुई थी भरती
पीडि़ता के परिजनों ने कहा कि 20 अप्रैल को तेज बुखार होने के कारण महिला को अस्पताल में भरती कराया गया था. ठीक होने पर उसे 22 अप्रैल को परिवारवाले छुट्टी करा कर घर ले गये. 23 अप्रैल को फिर से उसकी तबीयत खराब हो गयी. उसके बाद उसे फिर से अस्पताल में भरती कराया गया. पीडि़ता के अनुसार उसी रात लगभग 12:30 बजे रामकुमार महतो कमरे में आया. उसने एक पुरजा देकर मेरी मां को दवा लाने के लिए भेज दिया. मां के नीचे जाते ही उसने मुझे एक इंजेक्शन दिया, जिससे मैं सुस्त होने लगी. इसी बीच उसने जबरदस्ती की.
* मैं निर्दोष हूं
मैं निर्दोष हूं. महिला मुझे बेवजह फंसा रही है. मैं महिला के कमरे में रात में स्लाइन बदलने के लिए गया था. महिला मुझ पर गलत आरोप लगा रही है.
राजकुमार महतो, कंपाउंडर
* मुझे घटना की सूचना रात लगभग 2.30 बजे मिली. कंपाउंडर रामकुमार महतो अस्पताल में पिछले तीन साल से कार्यरत है. मरीज ब्रेन मलेरिया से ग्रसित है. उसका इलाज डा एसबी खलखो की देखरेख में हो रहा था. स्टॉफ ने इंजेक्शन दिया या जबरदस्ती की, यह पुलिस और मेडिकल जांच के बाद सामने आएगा.
शंभू प्रसाद सिंह, अस्पताल प्रबंधक