दुमकाः झारखंड में लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में नक्सलियों ने दुमका में पोलिंग पार्टी की दो गाड़ियों को उड़ा दिया. पुलिसकर्मियों सहित आठ लोग मारे गये. झारखंड में इससे पहले लोकसभा चुनाव के दो चरण शांतिपूर्ण संपन्न हुए थे. नक्सल प्रभावित इलाकों में भी बड़ी संख्या में लोग वोट करने निकले थे. पर अंतिम चरण में पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था ताक पर रह गयी. दुमका में नक्सलियों ने बेखौफ होकर घटना को अंजाम दिया और पश्चिम बंगाल की ओर भाग गये.
झारखंड में लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में नक्सलियों ने दुमका जिले के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में असना से चुनाव करा कर लौट रही पोलिंग पार्टी की बस और टाटा मैजिक वाहन को सरसा व पलाशी के बीच लैंड माइन विस्फोट कर उड़ा दिया. घटना सरसाजूल स्थित पुलिया के पास हुई. विस्फोट के बाद नक्सलियों ने चारों ओर से फायरिंग शुरू कर दी. घटना में पांच पुलिसकर्मी शहीद हो गये. दो मतदानकर्मी और बस के खलासी की भी मौत हो गयी. नौ मतदानकर्मी और पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हैं. सभी को दुमका के अस्पताल में भरती कराया गया है. घटना गुरुवार शाम करीब 4.30 बजे की है.
दो घंटे बाद पहुंची पुलिस भागी
बताया जाता है कि घटना के दो घंटे बाद तक घायलों की मदद के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मी घटनास्थल पर नहीं पहुंचे. दो घंटे बाद कुछ जवान मौके पर पहुंचे. पर नक्सलियों की ओर से की जा रही फायरिंग की सूचना के बाद घबरा कर वहां से भाग गये. घायल जवान और मतदानकर्मी घटनास्थल ही तड़पते रहे. करीब तीन घंटे बाद डीआइजी प्रिया दुबे के नेतृत्व में जवान दोबारा घटनास्थल पर पहुंचे. इसके बाद घायल पुलिसकर्मियों और मतदानकर्मियों को दुमका अस्पताल पहुंचाया गया. शवों को भी वहां से दुमका लाया गया.
घात लगा कर बैठे थे नक्सली
जानकारी के अनुसार, पोलिंग पार्टी पुलिस सुरक्षा में असना के बूथ संख्या 100 व 101 से मतदान करा कर बस और टाटा मैजिक वाहन से लौट रहे थे. दोनों वाहनों में दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी और मतदानकर्मी सवार थे. दोनों वाहन के पुलिया के पास पहुंचते ही नक्सलियों ने विस्फोट कर उड़ा दिया. नक्सलियों की संख्या 100 से अधिक थी. सभी पहले से घात लगा कर बैठे थे. विस्फोट के बाद जब तक पुलिसकर्मी और मतदानकर्मी कुछ समझ पाते, नक्सलियों ने चारों ओर से फायरिंग शुरू कर दी. नक्सलियों ने पुलिसकर्मियों के हथियार भी लूट लिये.
सदर अस्पताल में हंगामा
सूचना के बाद सदर अस्पताल में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. उग्र लोगों ने अस्पताल में ही पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. लोग घायल मतदानकर्मी और पुलिसकर्मी को बेहतर सुविधा नहीं मिलने और काफी देर से अस्पताल पहुंचाये जाने को लेकर आक्रोशित थे. घायल लोगों को देखने आये मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी विरोध का सामना करना पड़ा. बाद में आक्रोशित भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने अस्पताल के मुख्य गेट को बंद कर दिया. सूचना मिलने के बाद बाबूलाल मरांडी और सुनील सोरेन भी अस्पताल पहुंचे.
बंगाल की सीमा से सटा है घटनास्थल
घटनास्थल दुमका जिले के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में स्थित है. पश्चिम बंगाल की सीमा से 15 किमी पहले काराकाट लुटिया पहाड़ के पास है. यह इलाका चायपानी से शुरू होकर बंगाल के कुलकुलीडंगाल पंचामी तक जाता है. पहाड़ों से घिरे इस इलाके का उपयोग नक्सली झारखंड व बंगाल में आने-जाने के लिए करते हैं. वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में भी इस इलाके में नक्सलियों ने घटना को अंजाम दिया था.
‘‘विस्फोट के बाद नक्सलियों की ओर से फायरिंग की गयी. प्रारंभिक सूचना के अनुसार आठ लोग मारे गये हैं. विस्फोट की चपेट में आये वाहन में पोलिंग पार्टी भी थी.
राजीव कुमार, डीजीपी