शव की पहचान के लिए रांची से सेना की इंटेलिजेंस टीम गुरुवार को बोकारो पहुंची थी़ आर्मी की टीम ने बालीडीह थाना के साथ मिल कर घटनास्थल व शव का मुआयना किया़ शव की स्थिति काफी खराब हो चुकी थी़ इस कारण मौत के कारणों का पता लगाना मुश्किल था़ पुलिस ने साक्ष्य इकट्ठा करने के लिए सीआइएसएफ की डॉग स्कवॉड टीम को भी बुलाया, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव को आर्मी के हवाले कर दिया है़ शव की पहचान घटना स्थल पर मिले बैग में ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर की गयी है़ बालीडीह थाना प्रभारी ने बताया कि फिलहाल हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट हो पायेगा कि मौत कैसे हुई है.
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रांची से अपहृत सूबेदार मेजर की हत्या बोकारो के बालीडीह थाना में केस दर्ज
रांची/ बोकारो: दीपाटोली आर्मी कैंप में सूबेदार मेजर के रूप में पदस्थापित पुष्पेंद्र सिंह चौहान की हत्या कर दी गयी है. इस संबंध में बोकारो के बालीडीह थाना में केस दर्ज कर लिया गया है. उनका शव बुधवार को बालीडीह थाना क्षेत्र के बोकारो रेलवे स्टेशन से रांची जाने वाली रेल लाइन के किनारे जंगल […]
रांची/ बोकारो: दीपाटोली आर्मी कैंप में सूबेदार मेजर के रूप में पदस्थापित पुष्पेंद्र सिंह चौहान की हत्या कर दी गयी है. इस संबंध में बोकारो के बालीडीह थाना में केस दर्ज कर लिया गया है. उनका शव बुधवार को बालीडीह थाना क्षेत्र के बोकारो रेलवे स्टेशन से रांची जाने वाली रेल लाइन के किनारे जंगल में एक पेड़ से लटका मिला था़.
हैदराबाद जाने के लिए निकले थे
उल्लेखनीय है कि दीपाटोली आर्मी कैंप में सूबेदार मेजर के रूप में पदस्थापित पुष्पेंद्र सिंह चौहान पहले नासिक में पदस्थापित थे.11 सितंबर को दीपाटोली आर्मी कैंप में योगदान दिया था. आठ अक्तूबर को दिन के करीब 1.30 बजे 15 दिनों का अवकाश लेकर हैदराबाद स्थित आवास जाने के लिए निकले थे, लेकिन वह अपने घर नहीं पहुंचे. घर जाने से पहले अपना मोबाइल और एटीएम कार्ड सहित अन्य सामान अपने आवास में छोड़ गये थे. आर्मी कैंप से लापता होने की जानकारी जब परिजनों और आर्मी के अधिकारियों को मिली, तब उनके लापता होने को लेकर खेलगांव में सनहा दर्ज किया गया था. सनहा दर्ज करने के बाद पुलिस ने उन्हें तलाशने का काफी प्रयास किया. उनके मोबाइल नंबर के सीडीआर भी निकाले गये. सीडीआर से यह स्पष्ट हुआ कि लापता होने से पहले उन्होंने जिन नंबरों पर बात की है, उनमें अधिकांश नंबर उनके परिचित का है.
पहले सनहा, फिर दर्ज हुई प्राथमिकी
23 अक्तूबर को उनके लापता होने के संबंध में अखबारों में फोटो छपवाने को लेकर पुलिस ने पत्राचार किया था. इस बीच रेलवे स्टेशन से लेकर विभिन्न स्थानों पर लगे सीसीटीवी फुटेज से उ नके बारे में जानकारी एकत्र करने का प्रयास किया गया, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. तब आर्मी अधिकारियों की शिकायत पर उनके अपहरण को लेकर 27 अक्तूबर को खेलगांव ओपी में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. प्राथमिकी में एक अज्ञात मोबाइल नंबर धारक का उल्लेख है. संबंधित नंबर से अंतिम बार सूबेदार मेजर को फोन और एसएमएस भेजे गये थे.
सीमा विवाद में घंटों लटकता रहा शव
सूबेदार मेजर का शव सीमा विवाद के कारण बुधवार को पेड़ पर घंटों लटकता रहा. बोकारो रेलवे स्टेशन से रांची जा रही मुख्य रेल लाइन के पोल संख्या बीकेएससी 1021 एल के पूरब स्थित जंगल में एक पेड़ पर शव लटका था. शव के समीप एक बैग में ड्राइविंग लाइसेंस मिला है. जिसमें पुष्पेंद्र सिंह चौहान, पिता जयराज सिंह, पता नासिक (महाराष्ट्र) लिखा था. ड्राइविंग लाइसेंस में उम्र 46 वर्ष है. सूचना मिलते ही घटना स्थल पर बालीडीह तथा जीआरपी थाना के अधिकारी पहुंचे थे. करीब तीन घंटे तक मंथन चलता रहा कि रेलवे गुड्स शेड तथा रेल लाइन के बीच लटका शव किसके सीमा क्षेत्र में है. दोनों पुलिस बल एक दूसरे का क्षेत्र बताते रहे. अंतत: बालीडीह पुलिस शाम करीब चार बजे शव को अपने कब्जे में ले लिया. दूसरी तरफ, बोकारो रेलवे स्टेशन क्षेत्र के लोगों की मानें, तो करीब एक सप्ताह से इस लाश को लेकर चर्चा थी.
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