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खेलगांव मामलाः सभी दलों के प्रत्याशियों ने उठाये सवाल, जांच की मांग की

कौन देगा इन सवालों का जवाब -इवीएम, पंडरा ले जाने के बजाय खेलगांव क्यों पहुंची? -इवीएम के साथ सुरक्षा गार्ड क्यों नहीं थे ? -जोनल मजिस्ट्रेट के साथ फोर्स क्यों नहीं थी ? रांचीः लोकसभा चुनाव के दिन खेलगांव के बाहर इवीएम मिलने की घटना को लेकर उठे कई तरह के सवालों का जवाब आज […]

कौन देगा इन सवालों का जवाब

-इवीएम, पंडरा ले जाने के बजाय खेलगांव क्यों पहुंची?

-इवीएम के साथ सुरक्षा गार्ड क्यों नहीं थे ?

-जोनल मजिस्ट्रेट के साथ फोर्स क्यों नहीं थी ?

रांचीः लोकसभा चुनाव के दिन खेलगांव के बाहर इवीएम मिलने की घटना को लेकर उठे कई तरह के सवालों का जवाब आज तक कोई नहीं दे सका है. पहला सवाल : इवीएम पंडरा बाजार जाने के बजाय खेल गांव के गेट पर कैसे पहुंच गयी. यह सही है कि बीडीओ दीपमाला की गाड़ी में मिले नौ इवीएम में से तीन इवीएम वह थी, जो विभिन्न बूथों पर बदली गयी थी और छह इवीएम पूरी तरह सील थी. उसका इस्तेमाल नहीं हुआ था. लेकिन इसका जवाब किसी के पास नहीं है कि जब इवीएम को पंडरा में जमा करना था, तो वह खेलगांव के गेट के बाहर कैसे पहुंच गयी. दूसरा सवाल : इवीएम को फोर्स की सुरक्षा में कहीं भी लाया या ले जाया जाता है. फिर जब बीडीओ की गाड़ी में नौ इवीएम थी, तो इसकी सुरक्षा में जवानों तैनात क्यों नहीं किये गये थे. खेलगांव गेट के बाहर बीडीओ ने बताया था कि वह जोनल मजिस्ट्रेट है, इसलिए डीसी ने उन्हें जांच करने के लिए खेलगांव भेजा है. जोनल मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस के जवान क्यों नहीं थे.

17 अप्रैल को चुनाव के बाद इवीएम को खेलगांव ले जाने को लेकर राजनीतिक दलों ने जिला प्रशासन से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है. दलों का कहना है कि राज्य निर्वाचन आयोग और जिला प्रशासन की ओर से सही जवाब नहीं दिया जा रहा है.

पुलिस बल की तैनाती सही ढंग से नहीं की गयी थी

भाजपा प्रत्याशी रामटहल चौधरी ने कहा कि चुनाव में जिला प्रशासन की ओर से पुलिस बल की तैनाती सही ढंग से नहीं की गयी थी. कई संवेदनशील बूथ पर पुलिस की संख्या नहीं के बराबर थी. चुनाव को इवीएम को कड़ी सुरक्षा में स्ट्रांग रूम पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन को फोर्स तैनात करना चाहिए था. चुनाव के बाद आखिर इवीएम खेलगांव क्यों ले जायी गयी. इसे सीधे स्ट्रांग रूप पंडरा ले जाया जाना चाहिए था. इवीएम का इस्तेमाल हुआ, या नहीं यह बाद की बात है.

प्रशासन जनता के समक्ष सच्चई को रखे

आजसू के प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा कि चुनाव के बाद इवीएम को खेलगांव ले जाने के मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. आखिर किसके आदेश से इवीएम को स्ट्रांग रूम के बजाय खेलगांव ले जाया जा रहा था. इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, ताकि जनता को सच का पता चले. उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद इवीएम को स्ट्रांग रूम ले जाने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात नहीं की गयी थी. इस मामले की जांच की जानी चाहिए.

संवेदनशील इलाके में नहीं तैनात की गयी थी फोर्स

झाविमो प्रत्याशी अमिताभ चौधरी ने कहा कि रांची लोकसभा क्षेत्र में हुए चुनाव के दौरान संवेदनशील इलाकों में फोर्स की तैनाती नहीं की गयी थी. हिंदपीढ़ी, डीएवी बरियातू, धुर्वा और डोरंडा में कई घटनाएं घटी, क्योंकि वहां फोर्स की तैनाती नहीं की गयी थी. सिल्ली से आठ गाड़ियों में इवीएम लायी जा रही थी, जिसे खेलगांव के अंदर प्रवेश कराया गया. नियम के तहत इवीएम को सीधे स्ट्रांग रूम ले जाया जाना चाहिए था. आखिर खेलगांव ले जाने की क्या मजबूरी थी.

दोषी अधिकारियों के खिलाफ हो कार्रवाई

कांग्रेस के मीडिया प्रभारी शैलेश सिन्हा ने कहा कि इवीएम को स्ट्रांग रूम के बजाये खेल गांव ले जाने के मामले की जांच होनी चाहिए. अगर इसमें कही कोई गड़बड़ी पायी जाती है, तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. यह मामला पूरी तरह से जिला प्रशासन और राज्य निर्वाचन आयोग का है. इस बार कहीं से कोई गड़बड़ी नहीं मिली है. जहां तक इवीएम प्रकरण का मामला है. इसमें आयोग और जिला प्रशासन को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.

बीडीओ के पास नौ इवीएम का होना संदेह पैदा करता है

तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी बंधु तिर्की ने सवाल उठाया है कि बीडीओ के पास नौ इवीएम क्यों थी? सामान्य तौर पर हर कलस्टर में इवीएम बदलने के लिए रिजर्व दिया जाता है. ऐसी सूरत में बीडीओ के पास नौ इवीएम का होना अपने आप में संदेह पैदा करता है. दूसरी बात यह है कि बिना सुरक्षा बीडीओ कैसे इवीएम लेकर जा रही थीं? इसके अलावा बीडीओ का इवीएम लेकर स्ट्रांग रूम की जगह रूट बदल कर खेलगांव जाना सही नहीं लगता है. इसकी जांच होनी चाहिए.

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