इसी बीच पुंदरी जंगल से निकले लकड़बग्घे ने महिला पर हमला कर दिया. महिला के चेहरे और हाथ को नोच खाया. महिला के चिल्लाने की आवाज सुन कर कुछ दूर पर मवेशी चरा रहे पुत्र छत्रबली मेहता, घनश्याम मेहता, सूरज मेहता दौड़ कर आये और महिला को लकड़बग्घा के चंगुल से छुड़ाया. तब तक महिला की मौत हो चुकी थी.
वहीं लकड़बग्घा जंगल में भाग गया. घटना के बाद से अलौंजाकला, अलौंजाखुर्द, मदनपुर, कारीमाटी, पुंदरी समेत जंगल से सटे गांवों के ग्रामीणों में दहशत है. रेंजर ने तत्काल परिजनों को छह हजार रुपये की सहायता राशि दी. वहीं मुआवजा दिलाने का भरोसा दिलाया.