धनबाद: नेशनल हाइवे (एनएच-32) के धनबाद-बोकारो मुख्य मार्ग पर गुरुवार को सुबह कुसुंडा में एक बड़ा गोफ बनने से इस मार्ग पर वाहनों का परिचालन फिलहाल रोक दिया गया है. वाहनों को मार्ग परिवर्तित कर चलाया जा रहा है. जबकि कुर्मीडीह बस्ती, जहां गोफ हुआ है, के परिवार को एक कैंप में शिफ्ट किया गया […]
धनबाद: नेशनल हाइवे (एनएच-32) के धनबाद-बोकारो मुख्य मार्ग पर गुरुवार को सुबह कुसुंडा में एक बड़ा गोफ बनने से इस मार्ग पर वाहनों का परिचालन फिलहाल रोक दिया गया है. वाहनों को मार्ग परिवर्तित कर चलाया जा रहा है. जबकि कुर्मीडीह बस्ती, जहां गोफ हुआ है, के परिवार को एक कैंप में शिफ्ट किया गया है.
जानकारी के अनुसार एनएच 32 पर बीसीसीएल कुसुंडा एरिया ऑफिस से लगभग एक सौ मीटर दूरी पर सुबह लगभग साढ़े छह बजे जोरदार धमाके के साथ गोफ बन गया. गोफ लगभग 15 मीटर गहरा है. साथ ही गैस रिसाव होने लगा. घटनास्थल से लगभग पचास फुट की दूरी पर घनी आबादी है. एक शौचालय भी क्षतिग्रस्त हो गया. शौचालय के बाहर एक ग्रामीण पानी भर रहा था. उसने भाग कर किसी तरह जान बचायी. उसके शोर मचाने पर ही बस्ती वाले एकत्रित हुए तथा इसकी सूचना बीसीसीएल प्रबंधन एवं जिला प्रशासन को दी.
आनन-फानन में एसडीएम राकेश कुमार, डीएसपी (लॉ एंड ऑर्डर) नवल शर्मा, कुसुंडा क्षेत्र के जीएम जेपी गुप्ता सहित कई अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे. गैस रिसाव व गोफ का दायरा बढ़ते देख जिला प्रशासन ने तत्काल धनबाद-बोकारो मुख्य मार्ग पर वाहनों का परिचालन रोकने का आदेश दिया. सभी वाहनों को बीसीसीएल एरिया ऑफिस के बगल से बस्ती होते हुए डीएवी स्कूल के पास निकाला जा रहा था. वहां से फिर मुख्य रास्ता होते हुए गंतव्य के लिए रवाना किया जा रहा था.
प्रभावितों ने किया विरोध : गोफ बनने व गैस रिसाव घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों ने मासस के जिलाध्यक्ष हरि प्रसाद पप्पू, जनता मजदूर संघ (बच्चा गुट) के अभिषेक सिंह उर्फ गुड्डू के नेतृत्व में विरोध शुरू कर दिया. बीसीसीएल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. प्रभावितों को उचित मुआवजा एवं सुरक्षित स्थल पर पुनर्वासित करने की मांग कर रहे थे. साथ ही वहां बोल्डर डाल कर गोफ भरने के बीसीसीएल के प्रयासों पर रोक लगा दिया. बाद में जीएम कार्यालय में हुई त्रिपक्षीय वार्ता में तत्काल घटनास्थल के समीप टेंट लगा कर रहने की व्यवस्था करने, भोजन मुहैया कराने पर सहमति बनी. साथ ही गोफ को भरने के लिए पहले बालू भराई, फिर पानी डालने के बाद पत्थर डाल कर लेवलिंग करने पर सहमति बनी.