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बिना तैयारी के भीड़ को नियंत्रित करने पहुंचती है पुलिस
रांची : भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बिना तैयारी और पर्याप्त संसाधन के पहुंच जाती है. इसकी पुष्टि पुलिस मुख्यालय आइजी मानवाधिकार द्वारा तैयार एक रिपोर्ट से हुई है. आइजी ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि भीड़ से निबटने के लिए आवश्यक तैयारी करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन हाल […]
रांची : भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बिना तैयारी और पर्याप्त संसाधन के पहुंच जाती है. इसकी पुष्टि पुलिस मुख्यालय आइजी मानवाधिकार द्वारा तैयार एक रिपोर्ट से हुई है. आइजी ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि भीड़ से निबटने के लिए आवश्यक तैयारी करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन हाल के दिनों में ऐसी कुछ घटनाएं हुई हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि जो आवश्यक तैयारी की जानी चाहिए थी, वह नहीं की गयी. आइजी ने नौ अगस्त, 2017 को रांची विधानसभा सत्र के दौरान उत्पन्न होने वाली गंभीर विधि-व्यवस्था के संबंध में अपनी रिपोर्ट में इसका जिक्र किया है.
उन्होंने कहा है कि घेराव से निबटने के लिए विभिन्न जिलों से पुलिस बल की मांग की गयी थी. लोहरदगा जिले से आयी पुलिस पार्टी की जांच में पाया गया कि पुलिस बल न तो कोई बॉडी प्रोट्रेक्टर के साथ आया था और न ही उसके पास हेलमेट और वीडियो कैमरा था. पुलिस कर्मियों में ज्यादातर नये रिक्रूट को भेजा गया था, जो अनुचित है.
आइजी ने रिपोर्ट में नौ अगस्त, 2017 को लातेहार जिला के बालूमाथ थाना क्षेत्र में हुई घटना का उल्लेख किया है. रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि बालूमाथ थाना क्षेत्र में एक ट्रक के धक्के से मोटरसाइकिल सवार व्यक्ति की मौत हो गयी थी. घटना के बाद वहां भीड़ अनियंत्रित हो गयी. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल को वहां भेजा गया था. लेकिन वहां टीम में शामिल तीन पुलिसकर्मी जख्मी हो गये. इस घटना में भी पाया गया कि विधि-व्यवस्था से निबटने के लिए पहुंचा पुलिस बल बॉडी प्रोटेक्टर और हेलमेट से सुसज्जित नहीं था. आइजी की रिपोर्ट के अनुसार दुर्घटनाएं और भी हैं, लेकिन उनके बारे में चर्चा करने की बजाय पुन: यह अनुरोध किया गया है कि भीड़ से निबटने के लिए पुलिस पूरी तैयारी और संसाधनों से सुसज्जित होकर घटनास्थल पर पहुंचे.
भविष्य में घटना हुई, तो एसपी जिम्मेदार
आइजी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि भविष्य में यदि यह पाया गया कि कोई पुलिस पार्टी बिना किसी आवश्यक तैयारी के स्थल पर गयी है, तब यह माना जायेगा कि संबंधित एसपी की तैयारी पर्याप्त नहीं थी. इसके अतिरिक्त किसी जिले के कंट्रोल रूम का कार्य ठीक नहीं पाया गया या जिले की क्यूआरटी की टीम आवश्यक संसाधन से लैस नहीं पायी गयी, तब भी माना जायेगा कि उचित तैयारी नहीं की गयी.
तैयारी का जायजा लेने की जिम्मेवारी डीआइजी को
आइजी मानवाधिकार ने सभी रेंज के डीआइजी को विधि-व्यवस्था की समस्या से निबटने की जिम्मेवारी सौंपी है़ उन्होंने संबंधित रेंज में आने वाले जिलों की तैयारी की समीक्षा करने का निर्देश भी डीआइजी को दिया है. डीआइजी से तैयारी के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी गयी है, ताकि समय रहते समस्याओं का निराकरण किया जा सके.
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