इसलिए उन्होंने अपने भाई को कचहरी चौक के समीप स्थित पुलिस कंट्रोल रूम में टेंडर का पेपर जमा करने के लिए भेजा था. मनोज साहू ने बताया कि इसी दिन उनके मोबाइल पर सम्राट गिरोह के प्रमुख जयनाथ साहू का फोन आया था. फोन करीब 2.30 बजे आया था. उसने टेंडर नहीं डालने और टेंडर का पेपर वापस लेने के लिए धमकी दी थी. जब थाना प्रभारी ने मनोज साहू के पूछा कि अंबिका प्रसाद का अपहरण का प्रयास करने के आरोपी अमित और किशोर से जयनाथ साहू का कोई संबंध है. मनोज साहू ने इसके बारे में जानकारी होने की बात से इनकार किया है.
मनोज साहू ने कोतवाली थाना प्रभारी को बताया कि दोनों आरोपी मेरे परिचित हैं. किशोर ने पूर्व में बंदगांव में 10 करोड़ का एक टेंडर लिया था. उसमें मैंने रुपये निवेश किया था, लेकिन बाद में उसने मुझे धोखा दिया, जिस कारण मुझे करीब 1.40 करोड़ का नुकसान हुआ. मनोज साहू ने बताया कि करीब 15 दिन पहले उसे टेंडर पेपर जमा नहीं करने के लिए पीएलएफआइ के पूर्व उग्रवादी राज कमल गोप का भी फोन आया था. मुझे पूर्व से ही जान का खतरा है. मैंने अपनी सुरक्षा के लिए राइफल के लाइसेंस के लिए आवेदन पुलिस को दिया था. ग्रामीण एसपी ने जून माह में मेरा लाइसेंस एसएसपी के पास फारवर्ड कर दिया था. एसएसपी कार्यालय में मेरे लाइसेंस का आवेदन लंबित है. उल्लेखनीय है कि अंबिका प्रसाद के अपहरण का प्रयास और जानलेवा हमला के आरोप में अमित और किशोर साहू के खिलाफ मामला दर्ज है. कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को दोनों की तलाश में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की थी, लेकिन दोनों आरोपी नहीं मिले.