जानकारी मिलने के बाद उन्होंने तत्कालीन सिटी डीएसपी शंभु कुमार सिंह के नेतृत्व में जांच के लिए एक टीम का गठन किया था. जांच के दौरान पुलिस ने पाया था कि बेलर के रूप में कांके रोड निवासी व्यवसायी नितेश ड्रालिया और रातू रोड अल्कापुरी निवासी मदन कुमार के नाम का प्रयोग किया गया था. इसके अलावा पहचान कर्ता के रूप में सिमलिया निवासी शंकर साहू का नाम सामने आया था.
जमानत लेने के लिए नितेश ड्रालिया की गाड़ी के पेपर और वोटर आइडी का उपयोग किया गया था. हालांकि जब उनसे पूछताछ की गयी, तब उन्होंने बताया कि वह अपनी गाड़ी पूर्व में ही दूसरे को बेच चुके हैं. इसके अलावा जांच में वोटर आइडी फर्जी होने की बात सामने आयी थी. इसके अलावा मदन और शंकर साहू अपने पते पर नहीं मिले. दोनों ने अपनी पहचान के साथ जिस मोबाइल नंबर का उल्लेख किया, वे नंबर भी किसी दूसरे के नाम पर थे.
गौरतलब है कि सर्कुलर रोड स्थित कावेरी रेस्टोरेंट के बाहर संचालक लव भाटिया पर शिव शर्मा ने रंगदारी के लिए 19 नवंबर, 2016 को फायरिंग करायी थी. घटना में लव भाटिया बाल-बाल बच गये थे. शिव शर्मा की गिरफ्तारी के लिए रांची एसएसपी ने स्पेशल टीम का गठन किया गया था. पुलिस की टीम ने नौ दिसंबर 2016 को अरवल के मेहंदिया थाना क्षेत्र से बेगुसराय निवासी शिव शर्मा, पटना निवासी जय प्रकाश शर्मा और अरवल के बख्तर ग्राम निवासी आनंद कुमार को गिरफ्तार किया था.