गोली की आवाज सुनते ही जब जानकी देवी बाहर निकली, वह उग्रवादियों को देखते ही भागने लगी. हालांकि उग्रवादियों ने पीछा कर उसे भी गोली मार दी. जानकी देवी का शव रविवार की सुबह पुलिस ने घर से दो सौ गज की दूरी से बरामद किया है. पुलिस ने दोनों शव बरामद कर रविवार को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस ने घटना को लेकर केस दर्ज कर लिया है. घटना की जानकारी मिलने पर ग्रामीण एसपी राजकुमार लकड़ा भी गांव पहुंचे. उनके निर्देश पर पुलिस की एक टीम का गठन कर इलाके में छापेमारी शुरू कर दी गयी है. घटना के बाद से गांव के लोग दहशत में हैं. गांव के अधिकांश घरों में रविवार को चूल्हा भी नहीं जला.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार हत्या की घटना को अंजाम पीएलएफआइ के उग्रवादियों ने सम्राट गिरोह से आपसी वर्चस्व की लड़ाई में दिया है. जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष आगंद वर्मा के पुत्र कामेश वर्मा की हत्या 16 अगस्त को हुई थी. उसका शव लापुंग के पोकटा नाला से बरामद किया गया था. बताया जाता है कि कामेश वर्मा सम्राट गिरोह का समर्थक रहा था. इस हत्याकांड में पोकटा गांव निवासी विवेक कुमार को अभियुक्त बनाया गया था. वह वर्तमान में जेल में है. विवेक के पिता ककरिया मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक नारायण उरांव की हत्या कुछ माह पूर्व गोविंदपुर बाजार से लौटने के क्रम में हुई थी. इस हत्याकांड के पीछे सम्राट गिरोह के सदस्यों की संलिप्तता की जानकारी पुलिस को मिली थी. सम्राट गिरोह और पीएलएफआइ के उग्रवादियों के वर्चस्व की लड़ाई में पूर्व में हुई हत्या की कड़ी में पुलिस इस दोहरे हत्याकांड की घटना को देख रही है.
घटना की जानकारी मिलने पर बेड़ो डीएसपी अजीत कुमार सिन्हा, इंस्पेक्टर तेतरू उरांव, थाना प्रभारी लापुंग रामावतार, थाना प्रभारी बेड़ो बिंदेश्वरी दास के अलावे बड़ी संख्या में पुलिस के जवान भी गांव पहुंचे. गांव की प्रमुख सुशीला बारला भी पहुंची एवं मृतक के परिजनों को ढाढ़स बंधाया. खबर लिखे जाने तक किसी उग्रवादी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी. उग्रवादियों की तलाश में पुलिस की छापेमारी जारी है.