रांची: चार दिवसीय छठ महापर्व गुरुवार से शुरू हो गया. छठ महापर्व के पहले दिन नहाय-खाय का नियम निभाया गया. प्रात: स्नान कर व्रतियों ने भगवान भाष्कर का ध्यान किया और पूरे नियम-निष्ठा के साथ चावल, दाल, कद्दू की सब्जी तैयार की गयी और इसके बाद इसे भगवान को अर्पित किया. भगवान को अर्पित करने के बाद व्रतियों ने इसे स्वयं ग्रहण किया और इसके बाद प्रसाद स्वरूप इसका वितरण किया.
व्रतधारी छठ के गीतों के बीच गेहूं सुखाने से लेकर अन्य कार्य में व्यस्त रहीं. व्रतियों व उनके परिजनों ने पर्व को लेकर बाजार से सामानों की खरीदारी की. बाजार में सभी तरह के फल-फूल, सूप, दौरा आदि उपलब्ध हैं. शुक्रवार को छठ महापर्व के दूसरे दिन खरना है. शुक्रवार को व्रतधारी 12 घंटे का निजर्ला उपवास करेंगी. शाम में सूर्यास्त के बाद खरना का अनुष्ठान होगा.
व्रतधारी पूजा-अर्चना कर भगवान को खीर, रोटी, केला, मूली सहित अन्य सामग्री अर्पित किया जायेगा और इसके बाद इसे स्वयं ग्रहण करेंगी. उनके ग्रहण करने के बाद प्रसाद का वितरण किया जायेगा और व्रत धारियों से आर्शीवाद लिया जायेगा. दोपहर से व्रतधारी इसकी तैयारी में जूट जायेंगी. छठ के गीतों के साथ भगवान का प्रसाद तैयार करेंगी. खरना की समाप्ति के बाद से 36 घंटे का कठोर निजर्ला व्रत शुरू हो जायेगा. शनिवार को अस्ताचलगामी व रविवार को उदयाचलगामी सूर्य को अघ्र्य दिया जायेगा. रविवार को छठ व्रत का समापन हो जायेगा.