रांची: कोड़हा गिरोह के अपराधी आयुष यादव और सुमित यादव ने राजधानी में छिनतई की 16 घटनाओं में संलिप्तता की बात स्वीकार की है. धुर्वा में एसबीआइ शाखा के बाहर गुरुवार को बीपी सिंह से 2.50 लाख छिनतई का प्रयास किया गया था, जिसके बाद दोनों की गिरफ्तारी हुई थी. गिरफ्तार आयुष और सुमित यादव ने पूछताछ में बताया कि उनकी मुलाकात पूर्व में पूर्णिया में बंगाल के आदित्य, रमन और अमन से हुई थी.
उनके संपर्क में आने के बाद दोनों काठमांडू नेपाल में अटैची की चोरी करने लगे. जब पुलिस ने दोनों की तलाश शुरू की, तब दोनों एक बाइक की चोरी कर वहां से भाग निकले. दोनों घर पहुंचे और बाइक का नंबर बदल कर रांची के आसपास छिनतई करने लगे. यह जानकारी शुक्रवार की रात अपने आवासीय कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने दी.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने उनके पास से छिनतई में प्रयुक्त एक बाइक, दो मोबाइल, एक एटीएम कार्ड, बैंक का डिपोजिट स्लिप और नकद 12 हजार रुपये बरामद किये हैं. आयुष और सुमित यादव नयाटोली जोराबगंज थाना कोड़हा, जिला कटिहार के रहनेवाले हैं. दोनों अपराधी रामगढ़ में किराये के मकान में रहकर बाइक से रांची आकर घटना को अंजाम देते थे. दोनों अपराधी ने अपने गिरोह में शामिल गांव के 20-25 लड़कों द्वारा बिहार और झारखंड के विभिन्न शहरों में घटना को अंजाम दिये जाने की बात कही है. गिरोह का मास्टरमाइंड एक अन्य अपराधी रवीश कुमार फरार है.
जिसके बारे में सत्यापन करने के लिए पुलिस की एक टीम को रामगढ़ भेजा गया था. मकान मालिक ने बताया कि कथित अपराधी अपना सामान लेकर पहले ही वहां से भाग निकला था. गिरोह के सदस्य बैंक के अंदर और बाहर लोगों की रेकी करते थे. गिरोह के सदस्य रामगढ़ में समय-समय पर घर बदल कर रहते थे, ताकि वे पकड़े नहीं जायें. गिरोह का सरगना द्वारा रुपये लेकर भागने के जानकारी दोनों अपराधियों ने पुलिस को दी है. इसके बारे में पुलिस सत्यापन कर रही है.
एसएसपी के अनुसार दोनों ने लोअर बाजार थाना क्षेत्र की दो घटना, लालपुर थाना क्षेत्र की दो घटना, गोंदा थाना क्षेत्र की तीन घटना, सदर थाना क्षेत्र की दो घटना, अरगोड़ा थाना क्षेत्र की चार घटना और बरियातू थाना क्षेत्र की छिनतई की तीन घटनाओं में संलिप्तता की बात स्वीकार की है. एसएसपी के अनुसार आयुष यादव को इस्ट जेल रोड में पकड़ा गया था. दूसरे अपराधी सुमित यादव को रामगढ़ से लौटने के क्रम में पुलिस की टीम ने कांटाटोली चौक के पास पकड़ा था. घटना में प्रयुक्त बाइक का नंबर लालपुर थाना क्षेत्र निवासी सुलेखा सामंता के नाम पर निबंधित कार की निकली. अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए गठित टीम में लालपुर थाना प्रभारी रमोद कुमार सिंह, सदर थाना प्रभारी दयानंद कुमार, जमादार बलिंद्र कुमार और सिपाही शाह फैशल शामिल थे.
सावन में लूटपाट नहीं करते वेलफेयर फंड भी बना लिया
कटिहार में बंजारों का पूरी बस्ती बसी हुई है. इसमें शामिल लोग पूरे देश में घूम-घूम कर छिनतई की घटना को अंजाम देते हैं.
सिर्फ सावन माह में गिरोह में शामिल लाेग लूटपाट नहीं करते हैं. सावन माह में सिर्फ वही लोग लूटपाट करते हैं, जो पहले से घर से निकले हुए हैं.
लूटपाट और छिनतई करनेवाले का अपना वेलफेयर फंड ट्रस्ट है. जिसके जरिये वे सावन माह में पुजारियों की सेवा करते हैं.
गिरोह के सदस्य लूटपाट और छिनतई में मिले रुपये का 10 प्रतिशत वेलफेयर फंड में और 15 प्रतिशत इनका चुना हुआ नेता रखता है. नेता ही लोगों को जेल से जमानत पर निकलवाता है.
गिरोह के सदस्य छिनतई में मिले रुपये का 10 प्रतिशत लाेकल पुलिस और मुखबिर बनाने में खर्च करते हैं.
गिरोह के सदस्यों को ट्रेनिंग के लिए अलग से लोगों की नियुक्ति जाती है, जो नये लोगों को ट्रेनिंग देते हैं.
25 परिवार के बीच एक मुखिया होता है, वह लूटपाट में मिले रुपये के हिस्से पर निर्भर रहता है.
गिरोह के सदस्य आसपास के चार जिलों में छिनतई नहीं करते हैं. इन जिलों में छिनतई करने पर दो लाख जुर्माना देना होता है.