प्रात: 10 बजे विद्यालय में टिफिन का समय हुआ. इसी दरम्यान दोनों बच्चे स्कूल परिसर से निकल कर नहाने के लिए 500 मीटर दूर तालाब चले गये. तालाब में गहरे पानी में चले जाने के कारण वे डूब गये. एक घंटा बाद स्थानीय लोगों ने एक बच्चे को पानी में देखा. आनन-फानन में ग्रामीणों ने तालाब से बच्चों को निकाला व इलाज के लिए कांके नर्सिंग होम ले गये, जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया. घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने विद्यालय का घेराव किया अौर शिक्षकों को बंधक बना लिया.
ग्रामीणों का आरोप है कि शिक्षकों की लापरवाही के कारण बच्चे स्कूल कैंपस से बाहर चले गये. ग्रामीणों का गुस्सा उस समय और बढ़ गया, जब सहायक शिक्षिका फरहत मुमताज व सहायक शिक्षक अगमलाल महतो स्कूल की उपस्थिति पुस्तिका में दोनों छात्रों की उपस्थिति मिटानेे का प्रयास कर रहे थे. पिठोरिया पुलिस एसआइ विकास कुमार के नेतृत्व में स्कूल पहुंची व छात्रों की उपस्थिति पुस्तिका को जब्त कर शिक्षकों को सुरक्षित एक कमरे में रखा. इसी बीच अफवाह फैल गयी कि एक बच्चा और डूबा हुआ है.
पिठोरिया पुलिस ने गोताखोर बुलवा कर पूरे तालाब में खोजवाया, लेकिन शव बरामद नहीं हुआ. कांके अंचल निरीक्षक चंचल किशोर प्रसाद ने दोनों पीड़ित परिवार को पारिवारिक लाभ योजना के तहत तीन-तीन हजार रुपये दिये. दूसरी ओर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी जयंत कुमार, सत्यकाम व आनंद कुमार ने ग्रामीणों के साथ वार्ता कर छात्रों के परिवार को हर संभव सहायता देने की बात कही. मौके पर स्कूल के शिक्षकों और जिला शिक्षा अधीक्षक की ओर से दोनों परिवार को 10-10 हजार रुपये की सहायता राशि दी गयी. वहीं के बीएइओ (प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी) सीपी सिंह व आनंद कुमार ने भी अपनी ओर से सहायता राशि सौंपी. दोनों बच्चों को शुक्रवार को ही मिट्टी दे दी गयी.