बाद में सात मई को निर्दोष पाये जाने पर हीरालाल यादव को बांड पर साइन करा कर छोड़ दिया गया़ धमकी दी गयी कि मारपीट के संबंध में किसी को बताया, तो बरबाद कर देंगे़ जख्मी हीरालाल यादव इलाज कराने के बाद ठीक हुआ, तो उसने सांसद रामटहल चौधरी को आवेदन दिया़ सांसद ने एसएसपी कुलदीप द्विवेदी को जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया़ एसएसपी ने सांसद के आदेश पर जांच का जिम्मा खलारी डीएसपी काे दिया है़.
उसका मोबाइल ले लिया़ रात 12 बजे उसे हाजत से निकाल कर थाना प्रभारी के चेंबर में लाया गया और उससे पूछताछ की गयी़ उसने बताया कि घटना के दिन मैं यहां नहीं था़ यह सुन कर थाना प्रभारी आग बबूला हो गये और उन्होंने पेट के बल सुला कर कमर के नीचे रॉड से उसे मारा. उन्होंने कहा कि मैं ऐसे मारता हूं कि कोई व्यक्ति अपना जख्म किसी को दिखाने लायक नहीं रहता़ इस दौरान जमादार मार्कण्डेय मिश्रा भी लाठी-डंडे से उसकी बांह व शरीर के अन्य अंगों पर प्रहार करते रहे. सात मई को मोबाइल का लोकेशन व अन्य तरह की जांच करने के बाद उसे छोड़ दिया गया़ उसने अपना इलाज बुढ़मू के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया़ उसने वहां से इंज्यूरी रिपोर्ट भी ले ली. हीरालाल यादव ने बताया कि इस मामले में कई अन्य लोगों के साथ भी मारपीट की गयी, लेकिन उन लोगों ने थाना प्रभारी के डर से किसी से शिकायत नहीं की़