जहां से उक्त विस्फोटक बरामद हुआ, वह क्षेत्र नक्सलियों का प्रमुख कॉरिडोर है. नक्सली इसी रास्ते का इस्तेमाल छत्तीसगढ़, अोड़िशा व खूंटी जिला आने-जाने में विशेष रूप से करते हैं.
प्रेस कांफ्रेंस में एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा एवं सीआरपीएफ 94 बटालियन के कमांडेंट राजकुमार ने बताया कि सुबह सूचना मिली थी कि नक्सलियों ने पुलिस को भारी क्षति पहुंचाने के लिए डिगरी जंगल में विस्फोटक छुपा कर रखा है. इस सूचना के आधार पर सहायक कमांडेंट मुकेश कुमार, निरीक्षक सावल राम, उप निरीक्षक सुदर्शन मल्लिक सहित रनिया थाना के सअनि नवीन कुमार एवं सशस्त्र बल (जिला पुलिस एवं सीआरपीएफ) ने डिगरी जंगल (खेरागाड़ा टोली) में दोपहर में सर्च अभियान शुरू किया. डी सर्च मेटल डिटेक्टर ने सर्च के दौरान जमीन के अंदर विस्फोटक होने का संकेत दिया. सीआरपीएफ सहित जिला पुलिस के जवानों ने जमीन की बारीकी से खुदाई की, तो बड़ी संख्या में विस्फोटक बरामद हुए.