हाजीपुर : बिदुपुर पुलिस के नेतृत्व में पटना एसटीएफ और पश्चिम बंगाल पुलिस की छापेमारी में बिदुपुर थाने के कैलाचक गांव से पकड़ा गया विनोद कुमार उर्फ विनोद राय की पहचान क्षेत्र में प्रोपर्टी डीलर और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में थी. गांव के लोग उसकी अापराधिक छवि से वाकिफ थे, लेकिन किसी भी घटना […]
हाजीपुर : बिदुपुर पुलिस के नेतृत्व में पटना एसटीएफ और पश्चिम बंगाल पुलिस की छापेमारी में बिदुपुर थाने के कैलाचक गांव से पकड़ा गया विनोद कुमार उर्फ विनोद राय की पहचान क्षेत्र में प्रोपर्टी डीलर और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में थी. गांव के लोग उसकी अापराधिक छवि से वाकिफ थे, लेकिन किसी भी घटना में पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ने के कारण वह अपनी
आमदनी का स्राेत अन्य माध्यम बताता था. सोने की चेन और लग्जरी वाहन के शौकीन विनोद मामूली किसान का बेटा है. क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिए वह त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव में अपनी पत्नी को मुखिया बनाना चाहता था. चकसिकंदर-कल्याणपुर पंचायत से उसकी पत्नी सीता देवी मुखिया पद की प्रत्याशी थी. चुनाव जीतने के लिए विनोद से सारी तिकड़म का इस्तेमाल किया था,
लेकिन बहुत कम मतों के अंतर से उसकी पत्नी को पराजय का मुंह देखना पड़ा और वह चौथे स्थान पर रही. मंगलवार की शाम लगभग सात बजे बिदुपुर थानाध्यक्ष के नेतृत्व में पटना एसटीएफ और बंगाल पुलिस ने विनोद के कैलाचक गांव स्थित घर पर छापेमारी की. अचानक पुलिस की छापेमारी से विनोद स्तब्ध रह गया. टीम ने सबसे पहले मौके पर विनोद को दबोच लिया. इसके बाद उसके घर की तलाशी ली. हालांकि उस समय टीम को कुछ हाथ नहीं लगा. दरबाजे पर खड़ी बंगाल नंबर की आइ-टेन कार को देखते ही बंगाल पुलिस सक्रिय हो गयी.
कार का रजिस्ट्रेशन नंबर और इंजन नंबर को खंगालने के बाद पुलिस ने बंगाल डीटीओ से संपर्क किया. इसके बाद बंगाल पुलिस ने कार को अपने कब्जे में लेकर बिदुपुर पुलिस को सौंप दिया. विनोद से देर रात तक टीम ने पूछताछ की. रात दस बजे टीम फिर विनोद के घर पहुंची और उसके घर के एक-एक कमरे की सघन तलाशी ली. पुलिस के समक्ष विनोद ने स्वीकार किया कि मुथुट फाइनांस से 30 किलो सोना लूटकांड में उसे पांच लाख रुपये मिले थे. बंगाल पुलिस की सक्रियता को देखते हुए वह भाग कर गांव चला आया था.
सीसीटीवी के फुटेज से हुई विनोद की पहचान
मुथुट फाइनांस की बंगाल शाखा से 30 जनवरी,2016 को 30 किलो सोना लूट लिये जाने की घटना के बाद बंगाल पुलिस सक्रिय हो गयी थी. परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालने के बाद पुलिस ने गिरोह के सात लोगों को दबोच लिया था. गिरोह के 19 सदस्यों ने घटना को अंजाम दिया था. विनोद के चेहरे का स्कैच भी पुलिस ने तैयार किया था, लेकिन बंगाल छोड़कर बिहार आ जाने के कारण पुलिस की गिरफ्त में आने से वह बचता रहा. हाल में गिरोह के आठवें सदस्य की गिरफ्तारी के बाद बंगाल पुलिस ने विनोद की शिनाख्त कर ली. इसके बाद 24 परगना (उत्तर) जिले के बाटा नगर थाने में दर्ज थाना कांड संख्या 960/16 के अनुसंधानक सह अवर निरीक्षक कौशिक पांडेय के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया. टीम मंगलवार की सुबह पटना पहुंची और एसएसपी मनु महराज से मिल कर घटना की जानकारी दी. एसएसपी के निर्देश पर पटना एसटीएफ की टीम शाम में बिदुपुर थाने पर पहुंची और बिदुपुर थानाध्यक्ष के नेतृत्व में कैलाचक गांव में छापेमारी कर लूटकांड के मास्टर माइंड विनोद को धर दबोचा.