हाजीपुर : प्रसिद्ध तीर्थस्थल बोधगया में सोमवार से 34वें कालचक्र पूजा की शुरुआत हुई. इस अनुष्ठान का शुभारंभ तिब्बत के धर्मगुरु दलाईलामा दलाई लामा ने किया. इस धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने के लिए देश से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी बौद्ध श्रद्धालु बोधगया जा रहे हैं. राज्य के बोधगया के कालचक्र मैदान में हो रही इस पूजा में भाग लेने के लिए हाजीपुर जंकशन पर भी बौद्ध श्रद्धालुओं का आगमन हुआ. नेपाल के लुम्बनी से आये दर्जनों श्रद्धालु हाजीपुर से बोधगया के लिए रवाना हुए.
श्रद्धालुओं ने बताया कि पूजा के पहले स्थल संस्कार, प्रार्थना जप और अनुष्ठान किया जायेगा. पांच से आठ जनवरी तक बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा भिक्षुओं को शिक्षा देंगे. इसके बाद नौ जनवरी को कालचक्र पूजा नृत्य होगा. आगे के कार्यक्रम में 10 से 13 जनवरी तक दलाई लामा श्रद्धालुओं को दीक्षा देंगे. आखिरी दिन 14 जनवरी को धर्मगुरु सभी के लंबे जीवन की प्रार्थना करेंगे. श्रद्धालुओं ने बताया कि कालचक्र पूजा में जापान, भूटान, तिब्बत, नेपाल, म्यांमार, स्पेन, रूस, लाओस, श्रीलंका के साथ कई अन्य देशों के बौद्ध श्रद्धालु लेते हैं.