हाजीपुर : सुरक्षा की बात हो और कुत्तों का नाम न आये ऐसा नहीं हो सकता. पुलिस हो या आम आदमी हर किसी को इनकी आवश्यकता होती है. पुलिस ने कई अपराधों का खुलासा इनकी मदद से किया है. जहां हर किस्म और नस्ल के कुत्ते मिल रहे हैं. इनके लिए एक पूरा बाजार बसा है. चिड़िया बाजार इसका नाम है.
इस स्थान को देखने के लिए हर मेला में आने वाले का शौक होता है. एक से बढ़कर एक कुत्ते इस बाजार में आये हैं. प्रदेश के कई स्थानों से इसके विक्रेता अपने कुत्तों के साथ आये हैं. जो अपनी कलाबाजी और हरकत से लोगों को आकर्षित कर रहे हैं. हर नस्ल और कीमत के कुत्ते यहां पर उपलब्ध हैं. भले ही इसके शौकीनों के लिए मूल्य कोई मायने नहीं रखता हो. उन्हें तो कुत्ता पसंद आना चाहिए. मेले में अभी तक लगभग सौ से सवा सौ पच्चीस कुत्ते आये हैं. जिन्हें इसके विक्रेता एक कतार में बांध कर रख रहे हैं. जिससे लोगों को पसंद करने में कोई कठिनाई न हो. कतार में बंधे कुत्ते भी अपने मूल्य के अनुरूप ही बांधे गये हैं.
पामेडियन, लेब्रा, जर्मन शेफार्ड, डालमिशियन समेत कई नस्ल के कुत्ते हैं. यहां पर एक छोटा कुत्ता पॉकेट डॉग भी है. जो लोगों को काफी लुभा रहा है. इसके विक्रेता पटना से आये रासबिहारी कहते हैं कि यह काफी चंचल होता है. लोगों को देखते ही भूंकना इसकी पहली पहचान है. इसकी सूधंने की क्षमता काफी होती है. जिसके कारण रात में भी यह सजग रहता है. घर में आने वाले हर किसी को देखते ही भूंक कर स्वागत करना इसकी फितरत है. जिससे इसके मालिक को इसे रोकना होता है. इसमें सबसे मंहगा रॉडविलर है. जिसकी कीमत 20 से 55 हजार तक है. मेले में दो हजार तक कुत्ता है. सबसे न्यूनतम कुत्ते की कीमत बारह सौ रूपये है. अभी तक मेले में लगभग पांच कुत्ते बिके हैं. विक्रेताओं का मानना है कि अभी नोटों की बंदी के कारण इसकी बिक्री कम है जबकि रविवार को भी इसकी बिक्री काफी होने की संभावना है. इसके आगे जब मेला परवान चढ़ेगा तो इसकी बिक्री बढ़ने की संभावना है.