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टेंपो स्टैंड में यात्रियों की भीड़. विदेशी पर्यटक ने भी की तारीफ

वैशाली : वैशाली घूमने आये विदेशी पर्यटकों को नोटों पर रोक लगाये जाने से कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. विदेशी सैलानियों की जेब ढीली हो रही है. नहीं चाहते हुए भी हुए भी खुदरा पैसा के अभाव में 500 या 1000 रुपये की खरीदारी करनी पड़ रही है. प्रधानमंत्री द्वारा कालाधन रोकने के […]

वैशाली : वैशाली घूमने आये विदेशी पर्यटकों को नोटों पर रोक लगाये जाने से कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. विदेशी सैलानियों की जेब ढीली हो रही है. नहीं चाहते हुए भी हुए भी खुदरा पैसा के अभाव में 500 या 1000 रुपये की खरीदारी करनी पड़ रही है. प्रधानमंत्री द्वारा कालाधन रोकने के लिए पांच सौ, एक हजार के नोट बंद करने की की गयी घोषणा से विदेशी पर्यटकों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन उन लोगों ने देश हित में इसे सही बताया.

नोट बंदी के बाद गुरुवार को दूसरे दिन वैशाली भ्रमण पर आये विदेशी सैलानी भी नोटों को लेकर काफी असमंजस की स्थिति में थे. स्थिति यह थी कि पैसा रहते सामान की खरीदारी नहीं कर पा रहे थे. जिसका मुख्य कारण खुदरा नोटों का अभाव रहा. विदेशी सैलानी के पास दो विकल्प थे या तो पर्यटक पांच सौ रुपये या एक हजार रुपये का सामान खरीदें या बिना सामान खरीदे ही वापस हो जायें. वैशाली भ्रमण पर आये श्रीलंका के कोलंबो निवासी एस एन रंगाजीवा,

पी डब्लू जी सनी, सलंका सुदेश, दिलीपा प्रशंथा, ए सोमसिनी ने द्विभाषीये के माध्यम से बताया कि अचानक हुई इस तरह की घोषणा से हमलोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खास कर छोटी-छोटी दुकानों में खरीदारी करने दुकानदार खुले पैसे नहीं दे रहे हैं. जिस कारण नहीं चाहते हुए भी पूरे पैसे के सामान खरीदने पड़ रहे हैं. दूसरी ओर दुकानदार शम्भू राय, लालू राय ने बताया कि सभी पर्यटक एक या दो सौ रुपये के सामान खरीद रहे हैं और पांच सौ या एक हजार रुपये नोट दे रहे हैं. जिस कारण काफी परेशानी हो रही है.

श्रीलंका के पर्यटकों ने बताया कि भले ही हमें इस घोषणा से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हो, मगर भारत सरकार का यह कदम सराहनीय है. उन्होंने मोदी की इस घोषणा के बारे में कहा कि यह परेशानी देशी हो या विदेशी, सबों के लिए दो चार दिनों की है मगर इसका लाभ भारतवासियों को भविष्य में होगा. विदेशी सैलानी भी परेशानी तो झेल रहे हैं लेकिन भारत सरकार के इस फैसले से मानते हैं कि कालाधन और कालाबाजारी को रोकने के लिए बड़ा कदम है.
क्या कहते हैं लोग
यह सही भी है लेकिन आने वाले समय में इसका परिणाम सामने आयेगा. काला धन निकलेगा की नहीं, यह कहा नहीं जा सकता.
अविनाश कुमार, समाजसेवी
प्रधानमंत्री एक ओर काला धन पर रोक लगाने की बात कहते हैं लेकिन दो हजार के नोट जब आयेंगे तो वह कालाधन को बढ़ावा देंगे. इसे रोकना होगा. यह कालाधन रखने वालों को और आसानी होगी.
जितेंद्र कुमार, थोक दवा विक्रेता
इससे काला धन निकलेगा या नहीं यह तो जानकारी नहीं है ,लेकिन मध्यम वर्ग ने जो बचा कर रखा है उस पर सरकार कड़ी निगाह रख रही है. जबकि बड़े व्यवसायी इससे किसी प्रकार निकल ही लेंगे. हवाला कारोबार भी इसमें उनकी मदद करेगा
रमेश चंद्र प्रसाद, दूध उत्पादक
काफी रुपये हवाला कारोबार के जरिये विदेश में पहुंच चुके होंगे. देश में महिलाओं की पैसा जमा निकल रहा है. अगर प्रधान मंत्री को काला धन रोकना है, तो दो हजार के नोट नहीं निकालने होंगे.
दीपक दानबीन, मोबाइल विक्रेता
सब कुछ उलटा-पुलटा केंद्र सरकार ने कर दिया. यह पूरी तरह प्रदेश सरकार की शराब बंदी की तरह हुआ. जिससे कई परेशानियां हुई हैं. लोग जूझ रहे हैं. पहले सरकार को इसके लिए समाधान कर लेना चाहिए था. छोटे नोट नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी हुई़
विनोद कुमार, किराना दुकानदार
सब ओर परेशानी ही दिख रही है. सब कह रहे हैं कि काला धन निकलेगा, लेकिन सरकार दो दिन बीत गये अभी तक बैंकों में कितना पैसा जमा हुआ है, इसकी जानकारी मीडिया को नहीं दे रही है.
पंकज अक्की, सुधा डेयरी संचालक

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