हाजीपुर : जल ही जीवन है, लेकिन महुआ बाजार में इसे देखने वाला कोई नहीं है. चार साल पहले यहां पर लोगों की सुविधाओं के लिए पाइप लाइन की माध्यम पानी देने की व्यवस्था की गयी. करोड़ों रुपये लगा कर बोरिंग तथा पानी टंकी का निर्माण कराया गया. उसे चलाने के लिए एक व्यक्ति की नियुक्ति भी की गयी. उसे वेतन के रूप में प्रति माह हजारों रुपये दिये जाने लगे, परंतु चार साल में चार बूंद पानी भी महुआ के लोगों को नसीब नहीं हुआ.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सात निश्चय में घर-घर को नल के माध्यम से पानी देने की बात कही है, लेकिन महुआ बाजार में वर्ष 2012-13 में तक़रीबन पौने दो करोड़ रुपये की लागत से बनी पानी टंकी सफेद हाथी की तरह शोभा की वस्तु बनकर लोगों को चिढ़ा रही है. बाजार के विभिन्न मार्गों और गली मुहल्लों में बिछाये गये पाइप अब बेकार पड़े हैं. कई जगहों पर ये पाइप टूट- फूट भी गये हैं. कई जगहों पर लोगों ने उन्हें उखाड़ भी दिया है. टंकी से पानी की सप्लाइ को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा अनेक बार आंदोलन भी किया गया.
तो विभाग द्वारा आंदोलन को देख पानी सप्लाइ करने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही की गयी. वह भी बोरिंग फेल हो जाने से पिछले कई महीनों से ख़राब पड़ी है. पानी के लिए लोग इधर- उधर भटक रहे हैं. इस बात की जब जानकारी विभाग से मांगी गयी, तो वह चुप रह गया. पीएचइडी के कर्मियो ने बताया कि बोरिंग फेल हो जाने के कारण पानी की सप्लाई बंद है. इसकी जानकारी मुख्यालय को दे दी गयी है.