जान देने के लिए गंडक में लगायी थी छलांग
देसरी (वैशाली) : कहते हैं कि जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय. कबीर दास की यह उक्ति तब चरितार्थ हो गयी जब अपनी दोनों हाथ बांध कर आत्महत्या की नीयत से सोनपुर में गंडक नदी में छलांग लगानेवाला एक वृद्ध व्यक्ति 30 किलोमीटर दूर गंगा नदी से जिंदा निकल गया और वह भी अनायास. इस घटना को सुनने के बाद लोग उस वृद्ध को देखने के लिए गंगा नदी की घाट पर जमा हो गये. लगभग नौ घंटे तक पानी में बहने और 30 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद जिंदा बचे रहने की घटना को लोग अनहोनी मान रहे हैं.
क्या है घटना : अहले सुबह छह बजे के आसपास चांदपुरा ओपी क्षेत्र के रसुलपुर हवीव वभनगामा गांव के निकट कुछ मछुआरे गंगा नदी में मछली पकड़ रहे थे. नदी में डाला गया जाल जब उन्हें भारी लगा तब उनलोगों ने काफी परिश्रम और सावधानी से जाल बाहर निकाला. उन्हें लगा कि कोई बड़ी मछली या कोई अन्य वस्तु इसमें फंसी है. जाल को जब बाहर निकाला गया तब उसमें एक वृद्ध व्यक्ति शांत-सा पड़ा था. जब उनलोगों ने उसकी नब्ज टटोली और सांस देखी तब उन्हें लगा कि अभी यह आदमी जिंदा है. आनन-फानन में उनलोगों ने चिकित्सक को बुला उसका इलाज शुरू कराया.
कुछ ही देर में उस वृद्ध को होश आ गया. होश में आने पर वृद्ध व्यक्ति ने बताया कि वह राघोपुर थाना क्षेत्र के सुकुमारपुर गांव का रहने वाला विपत राय है. वह तीन पुत्री और पांच पुत्रों के पिता हैं. पूछे जाने पर बताया कि परिवार के सदस्य उससे हमेशा झगड़ते रहते हैं. पारिवारिक कलह से परेशान रहते हैं. बुधवार को उनके पुत्र ने उनसे मारपीट की थी. उसने रात 9:30 में छलांग लगायी थी.
मछुआरे के जाल में फंसा, बची जान