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आपूर्ति के लिए बनी जलमीनार पड़ी है बेकार
नगर क्षेत्र की लगभग 70 फीसदी आबादी अभी तक पेयजल की सुविधा से वंचित है. पानी की किल्लत दूर करने के लिए आठ नये जलापूर्ति केंद्रों का निर्माण कराया गया. इनमें सात पर जलमीनार भी बनाया गया. इसके बावजूद लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंचा. इन जलापूर्ति केंद्रों से ब्रांच पाइप नहीं बिछाये जाने […]
नगर क्षेत्र की लगभग 70 फीसदी आबादी अभी तक पेयजल की सुविधा से वंचित है. पानी की किल्लत दूर करने के लिए आठ नये जलापूर्ति केंद्रों का निर्माण कराया गया. इनमें सात पर जलमीनार भी बनाया गया. इसके बावजूद लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंचा. इन जलापूर्ति केंद्रों से ब्रांच पाइप नहीं बिछाये जाने के कारण अधिकांश घरों में पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही. नतीजतन इस गरमी के मौसम में हजारों लोग पानी के लिए तरस रहे हैं.
हाजीपुर : गरमी बढ़ने के साथ ही नगर में पेयजल संकट भी बढ़ने लगा है. जलापूर्ति के लिए बिछी पुरानी पाइप लाइन के ध्वस्त हो जाने के कारण पानी की समस्या और विकट हो गयी है. इधर वर्षो से अधर में पड़ी नये पाइप लाइन के विस्तार की योजना पर भी अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है.
स्थिति यह है कि कहीं पाइप फूटे होने के चलते पीने का पानी यूं ही बरबाद हो रहा है, तो कही पाइप लाइन के अभाव में लोगों तक पानी ही नहीं पहुंच पा रहा है. मालूम हो कि नगर क्षेत्र की लगभग 70 फीसदी आबादी अभी तक पेयजल की सुविधा से वंचित है. पानी की किल्लत दूर करने के लिए आठ नये जलापूर्ति केंद्रों का निर्माण कराया गया. इनमें सात पर जलमीनार भी बनाया गया. इसके बावजूद लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंचा. इन जलापूर्ति केंद्रों से ब्रांच पाइप नहीं बिछाये जाने के कारण अधिकांश घरों में पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही. नतीजतन इस गरमी के मौसम में हजारों लोग पानी के लिए तरस रहे हैं.
लोगों को इंतजार कि कब टपकेगा नल से जल : नगर क्षेत्र में लगभग 45 किलोमीटर पाइप लाइन के विस्तार की योजना वर्षो से धूल फांक रही है. नगर के 39 में लगभग 20 वार्ड ऐसे हैं, जहां के लोगों को पाइप लाइन बिछाये जाने का बेसब्री से इंतजार है. नगर में पेयजल संकट का आलम यह है कि गरमी के दिनों में यहां लोगों की प्यास बुझाने के लिए सरकार को पानी खरीद कर मोहल्लों में पहुंचाना पड़ता है.
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के दावे पर गौर करें तो बीते वर्षो में गरमी के मौसम में दो लाख रुपये का पानी खरीद कर टैंकरों से मोहल्लों तक पहुंचाया गया था. भूमिगत जलस्तर के नीचे खिसकने से इस बार तो स्थिति और विकट हो गयी है.
वर्षो से बंद है युसूफपुर जलमीनार : नगर के युसूफपुर में स्थापित जलमीनार बनने के बाद से ही आज तक बंद है. 1 लाख से 50 हजार गैलन क्षमता वाले जलमीनार के चालू होने की प्रतीक्षा में लोगों की आंखें पथरा गयी हैं.
2011 में बन कर तैयार हुई इस पानी टंकी की बोरिंग फेल हो जाने के कारण यह चालू ही नहीं हो पायी. टेस्टिंग के दौरान ही इसका बोरिंग फेल कर गया था. जलमीनार बंद होने का नतीजा है कि युसूफपुर, धनौती, पचीसकुरवा, छोटी मड़ई, राजपुत नगर समेत दर्जन भर मोहल्ले के लोग पानी का संकट झेल रहे हैं. इस इलाके के लोगों का कहना है कि यदि दुबारा बोरिंग करा कर इसे चालू किया जाता, तो ईर्द-गिर्द के लगभग 20 हजार लोगों को पानी की समस्या से निजात मिलती.नगर पर्षद या लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, किसी का इस पर ध्यान नहीं है.
जलापूर्ति योजना में सुस्ती से बढ़ रहा असंतोष : नगर में लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन योजना को सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है. इसके लिए नगर पर्षद को प्रथम किस्त के रूप में 40 करोड़ रुपये का आवंटन भी प्राप्त हो चुका है. नगर विकास एवं आवास विभाग ने इस कार्य को बिहार राज्य जल पर्षद के माध्यम से पूरा कराने का निर्णय लिया है.
नगर पर्षद के सभापति हैदर अली ने बताया कि नगर की जलापूर्ति योजना पर शीघ्र ही काम शुरू होने वाला है. इस पर 80 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. इसमें 40 करोड़ की पहली किस्त मिल चुकी है. वाटर सप्लाई योजना का डीपीआर तैयार हो चुका है. जल्द ही इसका टेंडर भी निकल जायेगा. बिहार राज्य जल पर्षद ने इस योजना को पूरी करने के लिए नगर क्षेत्र को पांच जोन में बांट कर वर्क प्लान तैयार किया है. इधर, आवंटन मिलने के लगभग छह माह बीत जाने के बाद भी इस योजना पर कार्य शुरू नहीं होने से नागरिकों में असंतोष बढ़ रहा है. लोगों ने इस कार्य में सुस्ती पर नाराजगी जतायी है.
क्या कहते हैं सभापति
नगरवासियों को पानी की समस्या से मुक्ति मिलने वाली है. पाइप लाइन योजना पर जल्द ही काम शुरू होगा. इस महीने के अंत तक कार्य एजेंसी द्वारा टेंडर फाइनल हो जाने की उम्मीद है. पुरानी पाइप लाइन की जगह नया पाइप लाइन बिछाया जायेगा.
हैदर अली, सभापति, नगर पर्षद
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