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विकास पर अधिकारी फेर रहे पानी

कैसे कायम हो पुलिस-प्रशासन का इकबाल, यह है यक्ष प्रश्न जन-गण-मन अधिनायक जय हो. इस राष्ट्रगान के साथ दफ्तरों में काम शुरू करने का जिलाधिकारी रचना पाटिल ने निर्णय लिया और नये साल के पहले दिन से खुद इसकी शुरुआत की. प्रशासन तंत्र को जिम्मेवार और तंदुरुस्त बनाने के लिए डीएम ने बड़े उत्साह के […]

कैसे कायम हो पुलिस-प्रशासन का इकबाल, यह है यक्ष प्रश्न
जन-गण-मन अधिनायक जय हो. इस राष्ट्रगान के साथ दफ्तरों में काम शुरू करने का जिलाधिकारी रचना पाटिल ने निर्णय लिया और नये साल के पहले दिन से खुद इसकी शुरुआत की.
प्रशासन तंत्र को जिम्मेवार और तंदुरुस्त बनाने के लिए डीएम ने बड़े उत्साह के साथ इस अभिनव प्रयोग की शुरुआत की. बेहतरी की उनकी उम्मीद पर उनके ही अधिकारी और कर्मचारी पानी फेर रहे हैं. जिले में पुलिस-प्रशासन की कार्यशैली और व्यवहार से आम जन का असंतोष बढ़ता जा रहा है. तंत्र के प्रति लोगों का टूटता भरोसा जिले के गौरवशाली इतिहास और सुनहरे भविष्य पर सवालिया निशान है.
हाजीपुर : वैशाली जिले में कैसे कायम हो पुलिस-प्रशासन का इकबाल यह यक्ष प्रश्न है. जिले में पुलिस-प्रशासन की कार्यशैली और व्यवहार से आम जन का असंतोष बढ़ता जा रहा है. तंत्र के प्रति लोग का टूटता भरोसा जिले के गौरवशाली इतिहास और सुनहरे भविष्य पर सवालिया निशान है.
वैशाली को विश्व का प्रथम गणतंत्र होने का गौरव हासिल है. 21 वीं सदी में यह जिला गेट वे ऑफ नॉर्थ बिहार तथा कृषि व उद्योगों के विकास में नवीनतम तकनीकों के प्रयोग के लिए जाना जाता है. जिले में विकास की असीम संभावनाएं हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता, अकर्मण्यता और जन कल्याणकारी योजनाओं में अनियमितता के कारण जिलावासियों की उम्मीदों पर पानी फिर रहा है. आइए, जिले के प्रशासनिक काम-काज की कुछ बानगी देखते हैं.
सड़क से शौचालय तक, हर जगह गड़बड़ी : देसरी प्रखंड को निर्मल प्रखंड घोषित किया गया, लेकिन प्रखंड क्षेत्र के लोग आज भी खुले में शौच करते हैं. निर्मल प्रखंड के पुरस्कार की राशि प्राप्त कर लेने के कारण शौचालय, चापाकल आदि के लिए मिलने वाली सरकारी सहायता भी अब प्रखंड के लोगों को नहीं मिल पाती. जिले में स्वच्छता अभियान के तहत पीएचइडी द्वारा कराय जा रहे शौचालय निर्माण में जम कर बंदरबांट है. बहुत से ऐसे विद्यालय हैं, जिनमें शौचालय की व्यवस्था नहीं है.
आदर्श प्रखंड सहदेई बुजुर्ग की सभी पंचायतों में पीएचइडी के चापाकल खराब पड़े हैं. जंदाहा प्रखंड समेत अन्य इलाकों में सामान्य जाति के लोगों ने अनुसूचित जाति बन कर इंदिरा आवास का लाभ लिया है.
अधूरी सड़क और भवन भी चिढ़ा रहे मुंह : जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री सड़क योजना में अधिकतर सड़कों का निर्माण कार्य प्राक्कलन के अनुरूप नहीं हो रहा. कई महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण अधूरा पड़ा है. जिले में खाद्य सुरक्षा खस्ताहाल है और राशन, केरोसिन के वितरण में भारी अनियमितता की शिकायतें हैं. धान अधिप्राप्ति में अधिकारियों, कर्मचारियों पर मिलरों से मिल कर गड़बड़ी करने की बात कही जा रही है. किसानों के डीजल अनुदान से लेकर बच्चों के पोषाहार वितरण तक में अनियमितता की शिकायतें मिल रही हैं.
ये सारे सवाल पिछले दिनों हुई जिला सतर्कता, निगरानी एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में सदस्यों द्वारा उठाये गये थे. समिति के अध्यक्ष स्थानीय सांसद एवं केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान तथा सचिव जिलाधिकारी रचना पाटिल की मौजूदगी में हुई इन विषयों पर चर्चा के बाद कई मामले में जांच कराने के निर्यण भी लिये गये.
डीएम की पहल पर अधिकारी फेर रहे पानी : जन-गण-मन अधिनायक जय हो| इस राष्ट्रगान के साथ दफ्तरों में काम शुरू करने का जिलाधिकारी रचना पाटिल ने निर्णय लिया और नये साल के पहले दिन से खुद इसकी शुरुआत की. डीएम ने बड़े उत्साह के साथ इस अभिनव प्रयोग की शुरुआत की. पर बेहतरी की उनकी उम्मीद पर उनके ही अधिकारी और कर्मचारी पानी फेर रहे हैं.
जनता के प्रति जिम्मेदारी और पीड़ितों, फरियादियों के साथ मानवीय सलूक की बात तो दूर, ये अधिकारी और कर्मी अपनी ड्यूटी भी समय से नहीं दे पा रहे. गड़बड़ियों को पकड़ने और उन्हें सुधारने की दिशा में जिले के सदर अस्पताल से लेकर गांवों के आंगनबाड़ी केंद्रों तक की दौड़ लगायी. औचक निरीक्षण किये. नतीजे बता रहे हैं कि प्रशासन के हाकिम और बाबू अपनी रीति और रवायत बदलने को तैयार नहीं हैं. (क्रमश:)

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