हाजीपुर : वैशाली थाने में पदस्थापित दारोगा अशोक कुमार यादव की हत्या ने जिले से लेकर मुख्यालय तक पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया है. छुट्टी के बाद घर से लौटने के दौरान अपराधियों ने दारोगा की गोली मार कर हत्या कर दी. दारोगा की सर्विस रिवाल्वर भी अपराधी लूट कर ले गये. ऐसे में जिन हालातों में हाजीपुर सदर थाना क्षेत्र के मनुआ चौर में उनका शव फेंका मिला वह हाल के दिनों में वैशाली जिले में अपराधियों के बढ़ते दबदबे को बयान करता है.
तीन दारोगा अब तक अपराध की भेंट चढ़ चुके हैं. पुलिस को टारगेट बना कर उन्हें अपना शिकार बनाना और मौत के घाट उतारने से आम जनों में भी दहशत कायम हो गया है. अपराधियों के तीसरे शिकार बने वैशाली में पदस्थापित दारोगा अशोक यादव. आज उनकी हत्या के कर अपराधियों ने शव को सदर थाना क्षेत्र के मनुआ गांव के चौर फेंक दी थी.
दारोगा की हत्या किस हालत में और कैसे हुई अभी जांच का विषय है लेकिन इतना निश्चत है कि इससे अपराधियों के मनोबल का पता लगात है. दारोगा श्री राय अवकाश पर अपने पैतृक गांव गये हुए थे जहां से वापस शुक्रवार को लौट रहे थे और थाना पर पहुंचने से पहले हीं उनकी हत्या हो गई. इसके पूर्व अपराधियों ने लालगंज में बेलसर ओपी के प्रभारी अजीत कुमार की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी.
यह हत्या तब कर दी गई थी जब एक वाहन दुर्घटना के बाद उपजे जनाक्रोश को शांत कराने के लिये उन्हें वहां तैनात किया गया था. हालांकि उन्होंने अपनी जान रक्षा की गुहार लगायी थी लेकिन अपराधियों ने उनकी एक न सुनी. इस घटना से पहले रुस्तमपुर ओपी के प्रभारी की हत्या भी अपराधियों ने कर दी थी. उनकी हत्या तब की गई थी जब वे नये साल के अवसर पर एक भोज में थे. इन तीनों हत्याकांड से आम लोगों में यह भय उत्पन्न हो रहा है कि यदि दारोगा कि यह स्थिति है तो उनकी रक्षा कौन करेगा.