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तीन साल से बंद है सीसीयू

हाजीपुर : हाजीपुर का सदर अस्पताल हृदय रोगियों की सुध कब लेगा? सदर अस्पताल के कार्डियक केयर यूनिट के इस साल भी चालू नहीं होने से यह सवाल आज तक मुंह बाये खड़ा है. एक तरफ अस्पताल के सीसीयू में लगभग दो करोड़ रुपये के उपकरण जंग खा रहे हैं, दूसरी ओर हृदय रोग के […]

हाजीपुर : हाजीपुर का सदर अस्पताल हृदय रोगियों की सुध कब लेगा? सदर अस्पताल के कार्डियक केयर यूनिट के इस साल भी चालू नहीं होने से यह सवाल आज तक मुंह बाये खड़ा है. एक तरफ अस्पताल के सीसीयू में लगभग दो करोड़ रुपये के उपकरण जंग खा रहे हैं, दूसरी ओर हृदय रोग के मरीज इलाज के अभाव में जिलेे से बाहर अन्य शहरों में जाने को बाध्य हो रहे हैं.

तीन सालों से बंद पडा है सीसीयू: जिले के अंदर हृदय रोग के मरीजों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है. सदर अस्पताल में हृदय रोगियों का समुचित इलाज सुनिश्चित करने के उद्देश्य से तीन साल पहले यहां कार्डियक केयर यूनिट की स्थापना की गयी थी. तब से लेकर आज तक जिले के लोग इसके चालू होने की प्रतीक्षा में हैं.
सीसीयू बनने को बन तो गया, लेकिन उसमें एक दिन के लिए भी इलाज शुरू नहीं हो सका. चिकित्सकों का अभाव बता कर इसे आज तक बंद रखा गया है. इसका नतीजा है कि हृदय रोग के मरीजाें को यहां से पटना या अन्य शहरों का रुख करना पडता है. उधर, सीसीयू में लगे मॉनीटर से लेकर तमाम अत्याधुनिक मशीनें जंग खा रही हैं.
संचालन के लिए डाक्टरों को मिली थी ट्रेनिंग : वर्ष 2012 के मध्य में जब सदर अस्पताल में सीसीयू खोला जा रहा था तो इसे चलाने की पूरी तैयारी भी की गयी थी. अस्पताल के पांच चिकित्सकों को सीसीयू संचलान के लिए तीन महीने की ट्रेनिंग पीएमसीएच में दी गयी थी.
सीसीयू के लिए ही विशेषज्ञ चिकित्सक डाॅ एम फैजी की बहाली की गयी थी. यह सब देखकर यहां के लोगों में उम्मीद जगी थी कि अब हृदयाघात का शिकार होने वाले मरीजों को तत्काल यहां जीवन रक्षक उपकरण उपलब्ध हाेंगे. तत्काल उचित इलाज की व्यवस्था होनेे से हृदय रोगियों की जान का खतरा कम होगा. अस्पताल प्रशासन ने लोगों की इस उम्मीद पर पानी फेर दिया है. सीसीयू बनने के बाद से आज तक इसे चालू कराने को लेकर अस्पताल प्रशासन ने कभी प्रयास भी नहीं किया.
दर्जनों हृदय रोगी रोज पहुंचते हैं अस्पताल : सदर अस्पताल के ओपीडी में रोजाना लगभग 40 से 50 मरीज हृदय रोग से संबंधित तकलीफों को लेकर पहुंचते हैं. हर दिन 25 से 30 मरीजों की इसीजी जांच करायी जाती है. इनमें 15 से 20 मरीजों में हृदय रोग की शिकायत पायी जाती है, जिन्हें प्रॉपर ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है. चिकित्सक मरीजों को परामर्श तो दे देते हैं, लेकिन उन मरीजों का इलाज यहां संभव नहीं होता. इलाज की अत्याधुनिक व्यवस्था के बावजूद हृदय रोगी निजी क्लिनिकों की शरण में जाने को बाध्य हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
सीसीयू को चालू करने में सबसे बडी बाधा मैन पावर की कमी है. 24 घंटे की सेवा बरकरार रखने के लिए कम-से-कम तीन विशेषज्ञ चिकित्सक की जरूरत पड़ेगी . इसके अलावा ट्रेंड स्टाफ चाहिए. नयी सरकार से यह डिमांड की जायेगी और उपलब्ध होते ही इसे चालू कराया जायेगा.

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