महनार/ राजापाकर : महनार प्रखंड क्षेत्र में अधिमतर स्टेट बोरिंग बंद पड़े हैं. किसान अपने खेतों की सिंचाई के लिए दर-दर भटक रहे हैं. रबी फसल की बोआई के लिए दरार फटे खेतों में पानी पटा कर खेती करने में किसानों को महंगाई के कारण दिन में ही तारे दिखायी दे रहे हैं. प्रखंड क्षेत्र […]
महनार/ राजापाकर : महनार प्रखंड क्षेत्र में अधिमतर स्टेट बोरिंग बंद पड़े हैं. किसान अपने खेतों की सिंचाई के लिए दर-दर भटक रहे हैं. रबी फसल की बोआई के लिए दरार फटे खेतों में पानी पटा कर खेती करने में किसानों को महंगाई के कारण दिन में ही तारे दिखायी दे रहे हैं.
प्रखंड क्षेत्र के चमरहरा, पहाड़पुर विशनपुर, वासुदेवपुर चंदेल आदि पंचायतों में लगे स्टेट बोरिंग किसी-न-किसी कारण से बंद पड़े हैं. किसानों को डीजल पंप सेट से पानी पटवन पर काफी खर्च उठाना पड़ रहा है. इसके अलावा खेतों की जुताई और खाद-बीज भी काफी महंगे हो जाने से किसानों को रबी फसल की बोआई में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
पहले तो सुखाड़ ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है और पानी का पटवन और खाद-बीजों की महंगाई ने उनके सामने गंभीर समस्या उत्पन्न कर दी है.
सूखा राहत पर नहीं दिया गया ध्यान : पिछले दिनों चुनाव के कारण सुखाड़ को लेकर केंद्र या राज्य सरकारों ने भी कोई ठोस पहल नहीं की. लेकिन राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में नयी सरकार का गठन हो जाने के बाद किसानों में सहायता की एक आशा जगी है.
मशीन की खराबी से चालू नहीं हुआ पंप : राजापाकर प्रखंड के मीरपुर पताड़ पंचायत भवन के निकट स्थित स्टेट बोरिंग वर्षों से खराब पड़ा है. किसानों ने कई बार विभागीय अधिकारियों को आवेदन दिया है, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण यह आज तक चालू नहीं हो सका. यही स्थिति प्रखंड क्षेत्र के अन्य राजकीय नलकूपों की है.
नलकूप में नहीं हुआ बिजली कनेक्शन : स्थानीय किसानों के लगातार प्रयास के बाद मीरपुर पताड़ के स्टेट बोरिंग में बिजली का ट्रांसफॉर्मर तो लगा दिया गया, लेकिन इसका कनेक्शन पंप हाउस के साथ नहीं किया गया. नतीजतन ट्रांसफॉर्मर और बोरिंग दोनों बेकार हैं. मालूम हो कि यहां का ऐतिहासिक रानी पोखर तालाब भी सूख चला है.