हरिहरक्षेत्र हाजीपुर : भारतीय संस्कृति की सांस्कृतिक विविधताओं को समेटे हुए विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेला धार्मिक सद्भाव, आपसी भाईचारा के साथ विभिन्नता में एकता का संदेश दे रहा है. मेला विभिन्न धर्म और संस्कृति की छटा के अलावा विदेशी सैलानियों से गुलजार है.
हिंदू, मुसलिम, सिख, ईसाई की आपसी सद्भाव और मेल-मिलाप की अनूठी मिसाल बना है मेला. कहीं कोई मतभेद नहीं, सभी आपस में मिल कर मेले का आनंद उठा रहे हैं. लोगों की उमड़ती भीड़ लोगों के लिए कौतूहल का वहीं शिक्षा शोधार्थियों के लिए शोध का विषय है . यहां सभी कुछ मौजूद है, जो लोगों के आवश्यक के अनुरूप है. देश भर से व्यापारी यहां जुटे हैं, जो अपने सामान की खरीद- बिक्री कर रहे हैं.
पशु मेले के रूप में प्रसिद्ध इस मेले में सभी धर्म और संस्कृति के लोग व्यापार में मगशूल हैं. मेले में कहीं हिंदू विक्रेता हैं, तो कहीं मुसलिम तो कहीं सिख. सभी धर्म और संस्कृति के लोग एक-दूसरे से खरीद-बिक्री कर रहे हैं. हिंदुओं द्वारा लगाये गये स्टॉलों पर मुसलिम और मुसलिम द्वारा लगाये गये दुकानों पर लोगों का भीड़ प्रेम और उत्साह के साथ खरीदारी करती नजर आ रही है. आपसी वैमनस्यता यहां पूरी तरह मिट गयी है.
मेले में मो हैदर, मो हबीब, मो अनवर, मो अनवारूल, मो सलीम, सरदार जगजीत सिंह करतार, बेअंत सिंह, गुरदीप सिंह, रॉबिन एंथोनी, सुरेश शर्मा, सकल दीप सिंह, शत्रुघ्न राय, रजनी कांत सहित अनेक दुकानदारों द्वारा लगायी गयी विभिन्न सामान की दुकानों पर लोगों की भीड़ देर शाम तक लगी रहती है.
गुड़ माठ, सेबई, इमरती विक्रेता मो हैदर व मो सलीम कहते हैं कि इस मेले का पौराणिक महत्व है. दादा-पिता के बाद मैं यहां आठ वर्षों से दुकान लगा रहा हूं. आपसी प्रेम और भाईचारा बना रहता है. उन्होंने सरकार की भी सराहना की और कहा कि मेेले की कारगर व्यवस्था की गयी है.