हाजीपुर : सदर थाना क्षेत्र के दिग्घी लाल पोखर गांव में एक आदमी ने अपने सगे चचेरे भाई को गोली मार दी, जिससे घटना स्थल पर ही उनकी मौत हो गयी.
यह घटना तब घटी जब गांव के नंद किशोर सिंह के 30 वर्षीय पुत्र मिलन सिंह उर्फ चंदेश्वर सिंह अपने घर के बगल में जमीन को घेर रहे थे कि उनके चाचा अरविंद सिंह, चचेरा भाई रोहित कुमार और मिंटु कुमार ने आकर उसे घेरने से मना किया. जब उन्होंने विरोध किया, तब उनके अपने सगे चचेरे भाई ने मिलन कुमार की छाती में गोली मार दी. गोली लगते ही वे घटनास्थल पर लुढ़क गये.
गोली की आवाज सुन कर दौड़े लोग: गोली की आवाज सुन कर आसपास के लोग घटनास्थल की ओर दौड़े, जहां पहुंचने पर देखा कि मिलन सिंह का खून से लथपथ शव जमीन पर पड़ा है. वहीं लोगों को आते देख उनके चाचा एवं चचेरे भाई वहां से खिसक लिये. एक व्यक्ति की दिनदहाड़े हत्या से आक्रोशित ग्रामीणों ने शव को राष्ट्रीय राजमार्ग 77 पर रख कर उसे जाम कर दिया.
सड़क जाम से यातायात हुआ बाधित: आक्रोशित ग्रामीण शव को सड़क पर रख ओरोपितों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे. सड़क जाम होने के कारण यातायात बुरी तरह बाधित हो गया और सड़क की दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गयी.
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक रसीद जमाल एवं सदर पुलिस ने घटना स्थल पहुंच मामले की जानकारी ली और अपने स्तर से तफ्तीश प्रारंभ की.
72 घंटे में होगी आरोपितों की गिरफ्तारी: सड़क जाम कर रहे आक्रोशित ग्रामीणों को अपर पुलिस अधीक्षक राशिद जमाल ने आश्वस्त किया कि 72 घंटे के अंदर आरोपितों की गिरफ्तारी हो जायेगी, तब जाकर ग्रामीणों ने सड़क जाम को समाप्त किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए पुलिस के हवाले किया. मौके पर पहुंचे पदाधिकारियों ने प्रशासन की ओर से मुआवजा की राशि परिजनों को दी. ग्रामीणों ने पोस्टमार्टम के समय पुलिस कप्तान को मौजूद रहने की मांग की, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया.
फिर ग्रामीणों ने गांधी चौक को जाम किया: अपर पुलिस अधीक्षक के सदर अस्पताल पहुंचने में विलंब पर एक बार फिर आक्रोशित ग्रामीणों ने अस्पताल के निकट गांधी चौक को जाम कर दिया, तब मौके पर पहुंची नगर पुलिस ने ग्रामीणों को बताया कि अपर पुलिस अधीक्षक मामले की छानबीन कर रहे हैं वे शीघ्र ही आ जायेंगे. लेकिन आक्रोशितों के सामने नगर पुलिस की एक न चली और अपर पुलिस अधीक्षक के आने के बाद ही ग्रामीणों ने जाम समाप्त किया और पोस्टमार्टम हुआ.
आरोपितों के घर में लगायी आग : जब आक्रोशित ग्रामीण और उनके परिजन सड़क जाम कर रहे थे, उसी समय आरोपितों के घर एवं बंद स्कूल आग के हवाले कर दिया गया. घर एवं स्कूल में लगी आग देख आसपास के लोग उधर दौड़े. आग कैसे लगी और किसने लगायी, यह चर्चा का विषय बना हुआ है. ग्रामीण यह समझ नहीं पा रहे थे कि जब पूरा गांव सड़क जाम में लगा हुआ है, तब आग किसने लगायी. ग्रामीणों में यह चर्चा आम रही कि ग्रामीणों के आक्रोश से बचने एवं पुलिस को गुमराह करने के उद्देश्य से आरोपितों ने स्वयं अपने घर को आग के हवाले कर दिया.
पकड़ में नहीं आ सके आरोपित: न तो घटना के तत्काल बाद पहुंचे ग्रामीणों ने आरोपितों को घटनास्थल पर देखा और न ही तत्काल पहुंची पुलिस उन्हें पकड़ सकी. आरोपित वहां से बच निकलने में सफल रहे.
भूमि विवाद है हत्या का कारण: ग्रामीणों एवं परिजनों के अनुसार यह हत्या भूमि विवाद में हुई है. घर की जमीन के आर-डरेर को लेकर दोनों पक्षों में विवाद चल रहा था.