सिंचाई के लिए चार जिलों का जीवन रेखा साबित होने वाली सकरी नाटा लिंक प्रोजेक्ट को अगर स्वीकृति के लिए ब्राज निर्माण संघर्ष समिति ने अपने तेवर कड़े कर लिये है़ केंद्रीय सिंचाई मंत्री उमा भारती से मिलकर योजना की स्वीकृति के लिए ज्ञापन सौंपने के बाद अब अगली रणनीति तैयार करने में जुटे है़
सोमवार को संघर्ष समिति के नेताओं ने प्रेसवार्ता आयोजित कर कहा किइस योजना कि स्वीकृति नहीं मिली तो एनडीए के खिलाफ किसान गोलबंद होकर आंदोलन करेंग़े सकरी बराज निर्माण संघर्ष समिति के महासचिव सुरेन्द्र पाण्डेय (जमुई),उपाध्यक्ष संजय यादव (नवादा),उत्तम कुमार(कौआकोल)के साथ शेखपुरा में नेता जीतेंद्र नाथ ने प्रेसवार्ता करते हुए बताया कि अगर इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल जाती है तो शेखपुरा के अलावे जमुई,नालंदा एवं नवादा के 12 प्रखंडों की 68000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई व्यवस्था बहाल हो जायेगी़ 740 करोड़ की इस परियोजना को बिहार सरकार डीपीआर बनाकर केंद्र को भेज चुकी है एवं राज्य सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर केन्द्र द्वारा तकनीकि स्वीकृति मिल जाती है तो वह इस प्रोजेक्ट के लिए केन्द्र से पैसा भी नही मांगेगी़ चुकि नदियां केन्द्रीय अनुसूची में है, इसलिये नदियों से छेड़छाड़ व उसमें कार्य के लिए भारत सरकार की मंजूरी आवश्यक है़
उन्होंने कहा कि दिल्ली में ज्ञापन सौंपने के दौरान केन्द्रीय मंत्री उमा भारती द्वारा आश्वासन तो दिया गया परंतु अगर इस दिनो ंके भी तकनीकि स्वीकृति नहीं मिली तो चार जिलों के किसान गोलबंद होकर एनडीए के खिलाफ अभियान चलायेंगे एवं आगामी 05 अगस्त को माहुली में संघर्ष समिति के कोर ग्रुप की बैठक आयोजित कर आंदोलन की रूप रेखा तैयार की जायेगी़