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झोला छाप कर रहे गर्भपात

गोरौल : प्रखंड क्षेत्र में कुकुरमुत्ते की तरह खुले कई क्लिनिकों और जांच घरों में इन दिनों भ्रूण प्रशिक्षण से लेकर गर्भपात का खेल धड़ल्ले से चल रहा है. इनकी हरकतों को न तो यहां कोई देखनेवाला है और न ही कोई सुननेवाला. इन क्लिनिकों व जांच घरों पर अंकुश लगाने वाले निगरानी तंत्र का […]

गोरौल : प्रखंड क्षेत्र में कुकुरमुत्ते की तरह खुले कई क्लिनिकों और जांच घरों में इन दिनों भ्रूण प्रशिक्षण से लेकर गर्भपात का खेल धड़ल्ले से चल रहा है. इनकी हरकतों को न तो यहां कोई देखनेवाला है और न ही कोई सुननेवाला. इन क्लिनिकों व जांच घरों पर अंकुश लगाने वाले निगरानी तंत्र का भी यहां घोर अभाव है.
इन क्लिनिकों व जांच घरों में भ्रूण प्रशिक्षण से लेकर गर्भपात तक के लिए अलग-अलग रेट निर्धारित हैं. सूत्रों की मानें तो इन क्लिनिकों में गर्भपात के लिए 15-20 हजार रुपये तक वसूले जाते हैं. अवैध संबंध से लेकर कुंवारी कन्याओं के गर्भपात के लिए यहां अलग-अलग रेट निर्धारित है. भ्रूण प्रशिक्षण के बाद अगर पति-पत्नी की सहमति से गर्भपात करना हो तो इसके लिए भी 5-10 हजार रुपये वसूल किये जाते हैं. इन क्लिनिकों में मरीजों का इलाज भी भगवान भरोसे ही होता है.
बोर्ड तो एमबीबीएस डॉक्टर का लगा रखा है, लेकिन यहां झोला छाप डॉक्टर और नर्स ही बैठते हैं. कई बार तो गर्भपात के दौरान कई महिलाओं की मौत भी हो चुकी है. पुलिस भी पहुंचती है, लेकिन मामला रफा-दफा कर दिया जाता है. कुछ माह पूर्व ऐसे ही एक झोला छाप डॉक्टर ने एक्स रे संचालक की मिली भगत से बिना फ्रैर के ही एक छह वर्ष के बच्चे के पैर में प्लास्टर कर दिया था. इसकी वजह से उसके पैर में घाव हो गया.
बाद में जब दूसरे डॉक्टर से दिखाया गया तो पता चला कि उस बच्चे का पैर टूटा ही नहीं था. उसके बाद बच्चे के परिजनों ने कन्या मध्य विद्यालय, गोरौल बाजार के सामने काफी हंगामा भी किया था. प्रखंड क्षेत्र में चल रहे इस तरह के क्लिनिकों व जांच घरों को बंद कराने की मांग स्थानीय लोगों ने की है.

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