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अब छात्रों को सताने लगी अच्छे शिक्षण संस्थानों में नामांकन की चिंता

इंटरनेट व सोशल मीडिया की भी मदद ले रहे शिक्षण व्यवस्था की जानकारी प्राप्त करने में जुटे छात्र हाजीपुर : मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में सफल छात्र-छात्राओं के बीच नामांकन कराने की होड़ मची है. जिले में स्थित कॉलेजों के अलावा प्रदेश में स्थित अच्छे कॉलेजों में संपर्क कर रहे हैं और वहां की […]

इंटरनेट व सोशल मीडिया की भी मदद ले रहे
शिक्षण व्यवस्था की जानकारी प्राप्त करने में जुटे छात्र
हाजीपुर : मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में सफल छात्र-छात्राओं के बीच नामांकन कराने की होड़ मची है. जिले में स्थित कॉलेजों के अलावा प्रदेश में स्थित अच्छे कॉलेजों में संपर्क कर रहे हैं और वहां की शिक्षण व्यवस्था की जानकारी प्राप्त करने में जुटे हुए हैं. इसके लिए वे इंटरनेट व सोशल मीडिया की भी मदद ले रहे हैं.
आर्थिक रूप से मजबूत छात्र जहां प्रदेश व प्रदेश के बाहर नामांकन के लिए प्रयास कर रहे हैं, वहीं स्थानीय स्तर के कॉलेजों में भी नामांकन को लेकर छात्र-छात्राओं की भीड़ बढ़ गयी है. छात्रों की पहली पसंद अंगीभूत कॉलेज हैं.
जिले में अनुदानित व संबद्ध कॉलेजों ने भी छात्रों को आकर्षित करने के लिए कई नये कोर्स की शुरुआत की है. कॉलेज कैंपस में पहुंचे छात्र-छात्रएं अपनी पसंद के कोर्स की पढ़ाई और सुविधा की जानकारी प्राप्त करने में जुटे रहे. अभिभावकों एवं अभ्यर्थियों ने नामांकन को लेकर प्रभात खबर प्रतिनिधि से बात की.
क्या कहते हैं छात्र व अभिभावक
बाहर जाने से अच्छा है कि स्थानीय स्तर के अच्छे कॉलेजों में नामांकन ले लूं. उच्च शिक्षा प्राप्त कर कॉलेज में प्राध्यापक बनूंगा. इंटर में अच्छे नंबर आये हैं. आरएन कॉलेज में नामांकन कराने की योजना बनायी है.
विनय कुमार
महिलाओं के लिए एकमात्र कॉलेज वैशाली महिला कॉलेज है, जहां केवल कला संकाय की पढ़ाई होती है. विवशता है इसी संकाय में नामांकन कराऊंगी. वैसे इस कॉलेज में विज्ञान व कॉमर्स की पढ़ाई भी होनी चाहिए. आर्थिक मजबूरी भी है. वैसे पढ़ाई पूरी होने के बाद सिविल सर्विसेज में जाऊंगी.
निकीता कुमार
बच्चों के भविष्य को देखते हुए अच्छे कॉलेजों में नामांकन कराना चाहता हूं. जिले में स्थित कॉलेजों की स्थिति ठीक नहीं है. न वर्ग संचालन होता है, न किसी तरह की सुविधा बच्चों को मिलती है, जबकि विश्वविद्यालय हर तरह से कॉलेजों को मदद करता है.
विभूति प्रसाद सिंह, अभिभावक
जिले में स्तरीय कॉलेजों की कमी है. हाल के वर्षो में हालांकि कुछ प्रगति अवश्य हुई है. कॉलेज प्रशासन शिक्षण व्यवस्था को लेकर उदासीन रहता है. कोचिंग ने सारे शिक्षण सिस्टम को ध्वस्त कर रखा है. अच्छे नंबर से बच्च पास किया है. दिल्ली विश्वविद्यालय में नामांकन कराने की योजना है.
अजय प्रसाद वर्मा, अभिभावक

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