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शिक्षक बन कर करना चाहता था सेवा

वैशाली : वैशाली में विजातीय प्रेम करनेवाले छात्र की हत्या के साथ कई लोगों के सपने दफन हो गये. माता-पिता और भाई-भाभी सबने सोचा था कि सुबोध को पढ़ा -लिखा कर शिक्षक की नौकरी दिलायेंगे. पिता गजेंद्र ठाकुर ने कर्ज ले ले कर पुत्र को पढ़ाई का खर्च दिया करते थे. मैट्रिक की परीक्षा देने […]

वैशाली : वैशाली में विजातीय प्रेम करनेवाले छात्र की हत्या के साथ कई लोगों के सपने दफन हो गये. माता-पिता और भाई-भाभी सबने सोचा था कि सुबोध को पढ़ा -लिखा कर शिक्षक की नौकरी दिलायेंगे. पिता गजेंद्र ठाकुर ने कर्ज ले ले कर पुत्र को पढ़ाई का खर्च दिया करते थे.
मैट्रिक की परीक्षा देने के बाद रिजल्ट का इंतजार कर रहे इस परिवार को ऐसा झटका लगा कि सब के पांव तले सिर्फ जमीन ही नहीं खिसकी, बल्कि अब तक होश नहीं आ रहा है. मृतक के माता-पिता ने प्रभात खबर को बताया कि बड़ी उम्मीद से सुबोध को पढ़ा रहे थे.
मैट्रिक की परीक्षा दिलाने के लिए कर्ज ले कर पैसा देते थे. सुबोध का लक्ष्य था कि वह उच्च शिक्षा प्राप्त कर सरकारी स्कूल में शिक्षक की नौकरी करेगा. लेकिन, कुदरत ने सभी का अरमान को पल भर में ही दफन कर दिया.
मां-बाप का सहारा था सुबोध : एक पुत्र को साल भर पहले गंवा चुके सुशीला एवं गजेंद्र का सहारा सुबोध ही था. क्योंकि बड़ा पुत्र दूसरे प्रदेश में मजदूरी करता है. घर पर सिर्फ सुबोध ही था जो अपने मां बाप का सेवा करने के साथ -साथ पढ़ाई भी कर रहा था.अब उसकी हत्या हो चुकी है. घर का एक मात्र चिराग सुनील बच गया है.जिस पर काफी जिम्मेवारी आ चुकी है.
चैन से नहीं गुजरता एक भी पल : सुबोध के मर्डर होने के बाद भले ही प्रशासन की ओर से पूरी मदद मिली हो.विधायक,सांसद एवं तमाम नेता पहुंच कर मृतक के परिवार को सांत्वना दिया हो, लेकिन सुबोध की याद अब भी उनके परिजनों के जेहन से नहीं जा रही. मां-बाप व भाई को अपने जिगर का टुकड़ा सुबोध के बगैर एक एक पल गुजरना मुश्किल हो गया है.
शिक्षक बनना चाहता था सुबोध : गजेंद्र ठाकुर को आंख में आंसू डबा-डबा हुआ था. चारपाई पर बैठा था. कुछ लोगों उसे सांत्वना बंधा रहे थे. उसी समय उसने बताया कि मैट्रिक परीक्षा की तैयारी करने के वक्त सुबोध ने कहा था कि पापा मैं शिक्षक बन कर देश व समाज का सेवा करूंगा. यह बात कहते कहते गजेंद्र की आखों से आंसू निकल पड़ते हैं.
कैंप कर रहे पुलिस के जवान
घटना के चार दिन बाद चकअहलाद गांव में दहशत का माहौल नहीं दिखा. हालांकि पुलिस बल के जवान अभी भी कैंप कर रहे हैं. जिला प्रशासन के वरीय अधिकारी लगातार बैठे हैं. किसी भी सशंकित घटना को अंजाम में नहीं बदलने का संकल्प ले कर जिला प्रशासन अपनी कमर कस चुका है.

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