14 नवंबर 2016 को बसहा से हुआ था जया का अपहरण
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पांच माह से भाई-बहन का नहीं मिला है सुराग
14 नवंबर 2016 को बसहा से हुआ था जया का अपहरण जया को बरामद करने पुलिस के साथ गया था विनोद अपराधियों ने पुलिस पार्टी पर किया था हमला पुलिस के सामने किया विनोद को गायब परिजनों को कानून का सहारा नहीं लेने की मिल रही धमकी सुपौल : सामाजिक सुरक्षा का दायित्व पुलिस प्रशासन […]
जया को बरामद करने पुलिस के साथ गया था विनोद
अपराधियों ने पुलिस पार्टी पर किया था हमला
पुलिस के सामने किया विनोद को गायब
परिजनों को कानून का सहारा नहीं लेने की मिल रही धमकी
सुपौल : सामाजिक सुरक्षा का दायित्व पुलिस प्रशासन पर है. लेकिन जब अपराधी को पुलिस का भय न हो और खुलेआम कानून का उल्लंघन करते रहे तो ऐसी स्थिति में पीड़ितों को न्याय कैसे मिले. कुछ ऐसा ही मामला जिले के पिपरा थाना क्षेत्र में देखा जा रहा है. मालूम हो कि पांच माह पूर्व पिपरा थाना में सदर प्रखंड के हरदी निवासी विनोद यादव ने अपनी बहन जया उर्फ दया देवी के अपहरण कर लिये जाने का मामला दर्ज कराया गया था. पुलिसिया छानबीन के दौरान विनोद ने पुलिस को जानकारी दी कि उनकी बहन को आरोपी दिनेश यादव व सुखदेव यादव सहित अन्य ने एक घर में छुपा रखा है.
अनुसंधान में जुटी पुलिस ने विनोद को लेकर आरोपी के घर पहुंचे. जहां आरोपितों ने जया उर्फ दया देवी के अपहरण किये जाने की बात भी स्वीकारी. इसके उपरांत पुलिस ने अपहृता को आरोपी के चंगुल से छुड़ाने का प्रयास शुरू किया. वहीं आरोपित के साथ दर्जनों की संख्या में आये लोगों ने पुलिस को खदेड़ दिया. यहां तक कि पुलिस अपने साथ ले गयी अपहृता के भाई विनोद को भी उक्त स्थल से बाहर नहीं ले जा सके. साथ ही विनोद को आरोपितों ने गायब कर दिया.
साथ ही पीड़ित परिजनों को आरोपितों द्वारा यह कहकर डराया व धमकाया जा रहा है कि वे इस मामले को लेकर न्यायिक प्रक्रिया में गये तो संबंधितों का हश्र अपहृता जया व सूचक विनोद के जैसा किया जायेगा.
बीते पांच महीने से जया और उसका भाई विनोद दोनों गायब हैं. पुलिस पार्टी पर हमला कर आरोपितों द्वारा विनोद को भी जबरन गायब किये जाने से पीड़ित परिजन भयभीत हैं. इधर पुलिस प्रशासन की नाकामी के कारण अनुसंधान कर्ताओं को आरोपितों के विरुद्ध खुद मामला दर्ज करवाना पड़ा है. जिले का यह मामला अपने आप में इकलौता और अजूबा है. खास बात ये है कि मामला दर्ज होने के बाद भी थाना पुलिस अपहृता व उसका भाई की बरामदगी नहीं कर पायी है.
मामला पिपरा थाना क्षेत्र के बसहा गांव का है. हरदी निवासी विनोद यादव ने पिपरा थाना में एक आवेदन देकर अपनी बहन जया उर्फ दया देवी पति रामचंद्र यादव बसहा निवासी का उसी गांव के कुछ लोगों द्वारा अपहरण कर गायब किये जाने की सूचना दी. बीते 24 नवंबर 2016 को सूचक द्वारा दिए आवेदन के आलोक में पिपरा पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए तफ्तीश में जुट गयी.
इस बीच सूचक विनोद यादव ने अनुसंधान कर्ता को बताया कि उसकी बहन जया को बसहा गांव छिपा कर रखा गया है. सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आयी. साथ ही एएसआइ शिवजी पांडे दल बल के साथ सूचक को भी साथ लेकर बसहा गांव आरोपी के घर पहुंच गये. बताया गया कि आरोपितों ने विनोद द्वारा लगाये गये आरोप को स्वीकार भी किया.
28 को बनाया नामजद
हालांकि इस मामले में एएसआइ शिवजी पांडे ने थाना में कुल 28 नामजद सहित पचास साठ अज्ञात के विरुद्ध मामला दर्ज कराया है. हद तो इस बात की है कि मामला दर्ज कराये जाने के पांच माह हो गये हैं. वहीं अब तक इस मामले में न तो अब तक अपहृता की बरामदगी हुई है न उसका भाई का कोई सुराग मिला है.
इतना ही नहीं पुलिस पार्टी पर हमला करने वाले भी पुलिस के चंगुल से बाहर हैं. जिस कारण आरोपितों के हौसले बुलंद हैं. फिलहाल विनोद के परिजनों को न्याय के लिए दर दर की ठोकर खानी पड़ रही है. आरोपितों द्वारा ये भी उसे धमकी मिल रही है कि वे कानून का सहारा लिया तो उसका भी हश्र जया और विनोद के जैसे होगा. अब देखना है कि कब तक पीड़ित को न्याय मिल पाता है.
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